Highlights
- आठ वर्ष में भारत का रक्षा बजट हो गया 2.53 लाख करोड़ से 5.25 लाख करोड़
- रक्षा क्षेत्र में भारत हुआ आत्म निर्भर
- सीमा क्षेत्र में सड़क, रेल और वायु यातायात जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से सेना हुई मजबूत
Indian Army strength: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ वर्षों के कार्यकाल में सेना कितनी अधिक ताकतवर हो चुकी है... इसका अंदाजा आपको भले ही न हो, लेकिन पाकिस्तान से लेकर चीन और अमेरिका तक को यह एहसास अच्छे से हो चुका है। वर्ष 2014 से 2022 के दौरान भारत ने सिर्फ अपना रक्षा बजट ही नहीं बढ़ाया, बल्कि इस क्षेत्र में बड़ी आत्मनिर्भरता भी हासिल कर ली। यह देखकर पूरी दुनिया हैरान है। भारत दिनों-दिन अपनी सामरिक शक्ति को बढ़ाता जा रहा है। इससे सिर्फ चीन और पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि अमेरिका तक में खलबली है।
अभी तक सिर्फ अमेरिका ही दुश्मनों को उसके घर में घुसकर मारने का माद्दा रखता था, लेकिन अब हिंदुस्तान के कदम भी इस दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं। दुश्मन छोटा हो या बड़ा अब भारत आंखों में आंखें डालकर बात करता है। अगर जरा भी गुस्ताखी की तो घर में घुसकर मारना भी जानता है। भारतीय सेना दुनिया के टॉप देशों की सेना में गिनी जाने लगी है। यह सब प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत नेतृत्व क्षमता का ही कमाल है, जिनकी आज पूरी दुनिया कायल है।
दोगुना से अधिक हो गया रक्षा बजट
मोदी सरकार में देश का रक्षा बजट वर्ष 2014 में 2.53 लाख करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 5.25 लाख करोड़ हो चुका है। भारत के रक्षा राज्यमंत्री के लोकसभा में पूरक प्रश्नों के उत्तर में दिए गए संदर्भ के अनुसार भारत रक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इससे भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हथियारों के क्षेत्र में देश ने हासिल की आत्म निर्भरता
पीएम मोदी के मंत्र मेक इन इंडिया को साकार करते हुए देश ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब भारत न सिर्फ अपने लिए रक्षा के उपकरण और अत्याधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि दूसरे देशों को इसे निर्यात करने में भी सक्षम हो गया है। इससे देश को विदेशी मुद्रा की आय हो रही है। कुल रक्षा बजट का 60 फीसदी धन केवल मेक इन इंडिया के लिए ही रखा गया है। ताकि स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिल सके।
भारतीय सेना की ताकत बढ़ा रहे आइएनएस विक्रांत, राफेल और तेजस
एक दिन पहले ही भारत की नौसेना के बेड़े में शामिल हुए स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विक्रांत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि हिंदुस्तान अब रक्षा के क्षेत्र में कितना आत्मनिर्भर हो चुका है। आइएनएस विक्रांत की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस पर 30 से अधिक लड़ाकू विमान लैंडिंग व टेक ऑफ कर सकते हैं। 32 मिसाइलें तैनात हैं। कई अन्य फाइटर हेलकॉप्टर की भी तैनाती है। गैस टर्बाइन और अत्याधुनिक रडार सिस्टम भी है। वहीं फ्रांस से आयातित राफेल फाइटर जेट दुनिया के खतरनाक जेटों में शामिल है। स्वदेशी तेजस फाइटर जेट भी दुनिया को चुनौती देने के लिए सेना का हिस्सा बन चुका है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया से लेकर फिलीपींस और मिस्र तक इस जेट के दीवाने हो गए हैं।
मिसाइलों, गाइडेड राकेट लांचर और आधुनिक पनडुब्बियों से लैस सेना
देश की सेना इस दौरान अत्याधुनिक व खतरनाक गाइडेड मिसाइलों, एंटी टैंक मिसाइलों, टैंकों, गाइडेड राकेट लांचर, हैंड ग्रेनेड और आधुनिक पनडुब्बियों से लैस हो चुकी है। खास बात यह है कि इसे भारत ने स्वयं अपने लिया बनाया है। अब दूसरे देश भी इन हथियारों को भारत से खरीदने की इच्छा रख रहे हैं। इन रक्षा उपकरणों से सुसज्जित सेना अब किसी भी देश से मुकाबला करने का माद्दा रखती है।
सीमाओं पर पहुंच के लिए बनाया रास्ता
भारतीय सेना को दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए सड़कों, रेल यातायात और वायु सेवा पर भी फोकस किया गया है। मोदी सरकार ने 4000 हजार किलोमीटर तक चीन से लगी भारत की सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा दिया है। ताकि दुर्गम परिस्थितियों में सैनिक कहीं भी पहुंचकर दुश्मनों का खात्मा कर सकें।
पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान में सेना की दुनिया ने देखी ताकत
आतंकवादियों पर पाकिस्तान में घुसकर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान घाटी में चीन के साथ हुई झड़प में सेना की ताकत को दुनिया देख चुकी है। गलवान में चीनी सेना को पीछे हटने पर भारतीय सैनिकों ने मजबूर कर दिया था। यह भारत अब किसी भी देश से दबने वाला नहीं रहा। इसीलिए अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस, ब्रिटेन और जापान जैसे ताकतवर देश भी भारत से दोस्ती को प्रगाढ़ करने में जुटे हैं।
नेशनल वॉर मेमोरियल से बढ़ा जवानों का हौसला
मोदी सरकार में इंडिया गेट पर बनाया गया नेशनल वॉर मेमेरियल देश के जवानों का हौसला बढ़ा रहा है। अब तक देश के लिए शहीद हुए हजारों जवानों के लिए यह वॉर मेमोरियल सच्ची श्रद्धांजलि है। यहां आने के बाद सिर्फ शहीदों के परिवारजन को ही नहीं, बल्कि हर एक भारतीय को गर्व का एहसास होता है।
चीफ डिफेंस ऑफ आर्मी स्टाफ से निर्णय लेना आसान
पीएम मोदी ने चीफ डिफेंस ऑफ आर्मी स्टाफ (सीडीएस) का पद बनाकर सेना की ताकत को और भी मजबूत कर दिया। सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रमुख होते हैं। यानि किसी दुश्मन देश की हरकतों का जवाब देने के लिए अब सेना स्वयं सक्षम हो गई है। इसके लिए उसे सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सीडीएस ही किसी भी देश पर जवाबी हमले का आदेश दे सकते हैं। इसके अलावा सेना में नारियों के लिए भी सरकार ने पूरी तरह से रास्ते खोल दिए हैं।