Sunday, December 22, 2024
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  4. 'अगर मुस्लिम नेताओं को लगता है कि UCC से ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है तो वे इसका समर्थन कर ध्रुवीकरण रोकें', आरिफ मोहम्मद खान ने 'आप की अदालत' में कहा

'अगर मुस्लिम नेताओं को लगता है कि UCC से ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है तो वे इसका समर्थन कर ध्रुवीकरण रोकें', आरिफ मोहम्मद खान ने 'आप की अदालत' में कहा

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि अगर मसलिम नेताओं को ये लगा रहा है कि समान नागरिक संहिता लाकर हिन्दू-मुसलिम ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है तो उन्हें समान नागरिक संहिता का समर्थन करके ध्रुवीकरण को रोक देना चाहिए।

Edited By: Niraj Kumar
Published : Jul 15, 2023 21:01 IST, Updated : Jul 15, 2023 21:01 IST
आप की अदालत में आरिफ मोहम्मद खान
Image Source : इंडिया टीवी आप की अदालत में आरिफ मोहम्मद खान

Aap ki adalat : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि अगर मसलिम नेताओं को ये लगा रहा है कि समान नागरिक संहिता लाकर हिन्दू-मुसलिम ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है तो उन्हें  समान नागरिक संहिता का समर्थन करके ध्रुवीकरण को रोक देना चाहिए।इंडिया टीवी पर आज रात 10 बजे प्रसारित होने जा रहे आप की अदालत शो में आरिफ मोहम्मद खान रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे।

रजत शर्मा - ये कहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का शिगूफा इसलिए छोड़ा गया है क्योंकि 2024 के चुनाव आने वाले हैं, बीजेपी ध्रुवीकरण करना चाहती है, हिन्दू-मुसलमानों को बांटना चाहती है, इसलिये ये लाये हैं ? 

आरिफ :- "अच्छा , अगर ये वजह है , तो इस polarisation को रोकने का क्या तरीका है , आप सबसे आगे आकर खड़े हो जाइये कि यूनिफार्म सिविल कोड आना चाहिए , polarisation खत्म। आप तो और मदद कर रहे है polarise करने में।  polarise करने की भाषा कौन बोलता है?  कितना आसान काम है । अगर आप इसमें polarisation करने की कोशिश देख रहे हैं , उसको नाकाम बनाना कितना आसान काम है। आप सरकार के आगे आकर खड़े हो जाइये ,और कहिए संविधान में प्रावधान है , ऐसा UCC लेकर आइए , और देखिए बहुत साफ, कोई मुश्किल काम नहीं है , कानून में न तो कोई ऐसी चीज़ होगी , उसकी इज़ाज़त दे , जिससे किसी भी धार्मिक आस्था पर प्रतिबंध न लगे।"

हिन्दू कोड बिल में तलाक का प्रावधान कहां से आया?

आरिफ मोहम्मद खान ने समझाते हुए कहा - "हिन्दू कोड बिल में तलाक का प्रावधान कहां से आया? आज जो आवश्यकता आज के दौर में है, वह हिन्दू शास्त्रों में नहीं था, लेकिन तलाक को हिन्दू समाज ने स्वीकार किया। क्या आज की तारीख में आप कोई कोड बना सकते हैं जिसमें तलाक का प्रावधान ना हो ? और अगर तलाक का प्रावधान है तो वो हिन्दू शास्त्र के मुताबिक तो नहीं है?"

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