Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Anti-Terrorism Day 2022: संयुक्त राष्ट्र में क्या है आतंकवाद की परिभाषा, पड़ोसी देशों द्वारा प्रायोजित टेररिज्म क्यों नहीं इसमें शामिल

Anti-Terrorism Day 2022: संयुक्त राष्ट्र में क्या है आतंकवाद की परिभाषा, पड़ोसी देशों द्वारा प्रायोजित टेररिज्म क्यों नहीं इसमें शामिल

अंतर्राष्ट्रीय कानून में आतंकवाद शब्द की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं बताई गई है। इसके अलग-अलग राजनीतिक और वैचारिक अर्थ हैं। एक आदमी का आतंकवादी दूसरे आदमी के लिए स्वतंत्रता सेनानी हो सकता है।

Written by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: May 20, 2022 19:42 IST
United Nations Security Council- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO United Nations Security Council

Highlights

  • अंतर्राष्ट्रीय कानून में आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा नहीं
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2004 के रिजॉल्यूशन में किया परिभाषित
  • पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर रुख नहीं साफ

Anti-Terrorism Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय कानून में आतंकवाद शब्द की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं बताई गई है। इसके अलग-अलग राजनीतिक और वैचारिक अर्थ हैं। एक आदमी का आतंकवादी दूसरे आदमी के लिए स्वतंत्रता सेनानी हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र के कई प्रयासों के बावजूद, सभी देशों का अभी तक आतंकवाद की परिभाषा पर एकमत नहीं हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र में क्या है परिभाषा?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अक्टूबर 2004 के अपने रिजॉल्यूशन 1566 में इस परिभाषा को विस्तृत करते हुए कहा है कि आतंकवादी कृत्य "आपराधिक कृत्य हैं, जिसमें नागरिकों के खिलाफ, मौत या गंभीर शारीरिक चोट, या बंधक बनाने के इरादे से प्रतिबद्ध हैं। आम जनता में या व्यक्तियों या विशेष व्यक्तियों के समूह में आतंक की स्थिति को भड़काने के उद्देश्य से, किसी आबादी को डराना या किसी सरकार या अंतरराष्ट्रीय संगठन को किसी भी कार्य को करने या करने से रोकने के लिए मजबूर करना एक आतंकवादी कृत्य है।"

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस रिजॉल्यूशन में इस बात का भी उल्लेख किया है कि इस तरह के कृत्य "किसी भी परिस्थिति में राजनीतिक, दार्शनिक, वैचारिक, नस्लीय, जातीय, धार्मिक या अन्य समान प्रकृति के विचारों से उचित नहीं हैं।"

पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद

संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद पर तो अपनी परिभाषा जाहिर कर दी लेकिन अभी तक पड़ोसी देशों द्वारा प्रायोजित छद्म आतंकवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर सका है। अमेरिका ने 2019 में आतंकवाद पर देशों की रिपोर्ट पेश की थी जिसमें आतंकवाद के प्रायोजकों के रूप में नामित देशों के लिए प्रासंगिक 2019 के दौरान की घटनाओं का एक लेखा-जोखा दिया गया है। 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी देश को आतंकवाद के राज्य प्रायोजक के रूप में नामित करने के लिए, सेक्रेटरी ऑफ स्टेट को यह निर्धारित करना होगा कि ऐसे देश की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों के लिए बार-बार समर्थन प्रदान किया हो।

अमेरिका ने लिया था एक्शन

विदेश नीति, सुरक्षा, रणनीति और प्रौद्योगिकी केंद्र की सीनियर फेलो वांडा फेलबाब-ब्राउन की रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवाद को प्रयोजित करने के चलते ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता निलंबित की थी। पाक की सैन्य सहायता निलंबित करने का निर्णय 2001 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी दंडात्मक कार्रवाई में से एक है। अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा अफगान तालिबान और पाकिस्तान में उसकी शातिर हक्कानी शाखा के लिए सुरक्षित पनाहगाहों के लिए लगातार स्वीकृति से निराश था।

इससे बावजूद भी पाकिस्तान ने दोनों समूहों को प्रत्यक्ष सैन्य और खुफिया सहायता प्रदान की है, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी सैनिकों, अफगान सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की मौत हुई है, साथ ही अफगानिस्तान की महत्वपूर्ण अस्थिरता भी हुई।

संयुक्त राष्ट्र में नामित आतंकियों का हाल:

असोमा बिन लादेन

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सूची में नामित अधिकतर आतंकवादी भारत के पड़ोस में पनाह लिए मिलते हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम माना जाता है अल-कायदा आतंकी संगठन को खड़ा करने वाला ओसामा बिन लादेन।  आतंकवादी संगठन अल कायदा की स्थापना के बाद, ओसामा ने कई देशों में हमलों की एक श्रृंखला तैयार की जिसमें हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हुई। 

अमेरिका में हुए 9/11 हमले का बदला लेने के लिए अगस्त 2010 में, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया कि ओसामा बिन लादेन उत्तरी पाकिस्तान में एक परिसर में रह रहा था। 2 मई, 2011 को, राष्ट्रपति ओबामा के आदेश के तहत, एक विशेष ऑपरेशन के तहत बिन लादेन को मार गिराया था।

हाफिज सईद

वहीं 2000 के दशक में संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के बावजूद, हाफिज सईद पर पाक ने न तो आरोप लगाए और न ही लगभग दो दशकों में प्रत्यर्पित किया गया। बता दें कि 17 जुलाई 2019 से अन्य आरोपों के लिए पहले ही जेल की सजा पा चुके मुहम्मद हाफिज सईद को इस महीने पाकिस्तान में एक विशेष आतंकवाद-रोधी अदालत ने "आतंकवाद को वित्तपोषित" करने के लिए 33 साल की जेल की सजा सुनाई थी। 

हालांकि पाकिस्तान चाहेगा कि दुनिया यह मान ले कि वह हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यह बात किसी से छपी नहीं है कि पाकिस्तान में हाफिज सईद को वहां की सरकारों का कितना समर्थन प्राप्त है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement