बेंगलुरू पुलिस के एक जवान ने आत्महत्या कर ली है। जवान का शव रेल की पटरियों के किनारे मिला। मृतक बेंगलुरू सिटी पुलिस का हिस्सा था और बेंगलुरु ले हुलिमावु पुलिस थाने में कार्यरत था। 33 वर्षीय हेड कांस्टेबल तिप्पन्ना अलुगुर ने बायपनहल्ली पुलिस स्टेशन लिमिट्स में आत्महत्या कर ली है। पुलिसकर्मी का शव बायप्पनहल्ली के पास रेलवे ट्रेक पर मिला। हेड कांस्टेबल ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें अपनी पत्नी और ससुर को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बेंगलुरु पुलिस पहले ही इसी तरह के एक मामले की जांच कर रही है, जिसमें जौनपुर के एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरू में आत्महत्या कर ली थी और कई पन्नों के सुसाइड नोट में पत्नी, उसके परिवारजन और जज को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
अतुल सुभाष के मामले में क्या हुआ ?
बेंगलुरू पुलिस जांच के लिए उत्तर प्रदेश के जौनपुर आई थी। यहां उसकी पत्नी अपने परिवार के साथ रहती है। हालांकि, जब पुलिस वहां पहुंची तो कोई नहीं मिला। ऐसे में बेंगलुरू पुलिस ने घर में नोटिस चिपका दिया है और तीन दिन के अंदर पेश होने के लिए कहा है। अगर आरोपी पत्नी और उसके परिवार के लोग फरार रहते हैं तो पुलिस कुर्की की कार्रवाई भी कर सकती है। पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, बेंगलुरु पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि "निकिता सिंघानिया अपने पति अतुल सुभाष की मौत के आसपास की परिस्थितियों के बारे में पूछताछ के लिए तीन दिनों के भीतर बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस थाने में जांच अधिकारी के सामने पेश हों।"
निकिता के परिवारजनों को नहीं मिला नोटिस
नोटिस केवल निकिता को संबोधित है। उसमें उनकी मां निशा सिंघानिया, चाचा सुशील सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया सहित अन्य आरोपी परिवार के सदस्यों का उल्लेख नहीं किया गया था। इन लोगों का नाम प्राथमिकी में है। नोटिस चिपकाने के समय घर का मुख्य द्वार बंद था और परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। नोटिस पर जो पता दर्ज था, वह निकिता का घर था।