Highlights
- डॉक्टरों के पैनल ने अंकिता का पोस्टमॉर्टम किया
- अंकिता के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी हुई
- एसआईटी की हेड पी रेणुका देवी ने दी जानकारी
Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की हेड पी रेणुका देवी ने जानकारी दी है कि एम्स में डॉक्टरों के एक पैनल ने अंकिता का पोस्टमॉर्टम किया। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी हुई थी। कोर्ट की इजाजत से इसे कोई भी देख सकता है। उन्होंने बताया कि रिमांड की प्रक्रिया चल रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं।
रेणुका देवी ने कहा कि गवाहों और इस घटना से जुड़े सभी लोगों और अंकिता को जानने वाले लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसआईटी हेड ने लोगों से अनुरोध किया है कि अंकिता के पोस्टमॉर्टम से संबंधित कोई पोस्ट न डालें। इतना ही नहीं डीआईजी ने जानकारी दी कि राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है क्योंकि (वंतारा) रिसॉर्ट राजस्व क्षेत्र में है और अंकिता के लापता होने का मामला राजस्व क्षेत्र में दर्ज किया गया था।
अंकिता हत्याकांड की CBI जांच की मांग
वहीं कांग्रेस ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की मांग लेकर बुधवार को गांधी पार्क में धरना दिया और कहा कि उसे मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच पर भरोसा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने धरने में हिस्सा लिया। इन नेताओं ने आरेाप लगाया कि मामले की निष्पक्ष जांच की बजाय राज्य सरकार सबूत नष्ट कर रही है। माहरा ने कहा, "मुख्यमंत्री ने सबूत नष्ट करने के लिए जल्दबाजी में रिजॉर्ट को ध्वस्त करने के निर्देश दिए। मृतका के पिता से पुलिस महानिदेशक की बातचीत को रिकार्ड कर उसे सार्वजनिक किया गया। यह अपराध है। हम उनके द्वारा गठित एसआइटी की जांच पर कैसे भरोसा करें। हम मामले में उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआइ जांच की माग करते हैं।"
बार एसोसिएशन अंकिता के हत्यारोपियों की नहीं करेगा पैरवी
कोटद्वार बार एसोसिएशन द्वारा अंकिता हत्याकांड के आरोपियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिए जाने के कारण बुधवार को अदालत में उनकी जमानत याचिका दाखिल नहीं हो पायी। कोटद्वार सिविल न्यायालय में कल आरोपियों की जमानत अर्जी दाखिल होनी थी जिस पर सुरक्षा की दृष्टि से वर्चुअल माध्यम से सुनवाई की जानी थी लेकिन कोटद्वार बार एसोसिएशन द्वारा आरोपियों का बहिष्कार का निर्णय लिये जाने के चलते कोई अर्जी दाखिल नहीं की गयी। कोटद्वार बार एसोसियेशन के अध्यक्ष अजय पंत ने बताया कि बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि कोई भी अधिवक्ता आरोपियों की ओर से न तो जमानत अर्जी दाखिल करेगा और न हीं उसकी पैरवी करेगा।