इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 78 साल के अनिल भल्ला घड़ियों के लिए अपने पैशन की वजह से पहचाने जाते हैं। उनके पास इतनी प्राचीन घड़ियां हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि हम किसी टाइम मशीन में बैठकर पुराने जमाने में पहुंच गए हों। अनिल को दुर्लभ घड़ियों को सहेजने का शौक है और उनके पास भारत के साथ ही फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी में बनी 650 से ज्यादा घड़ियों का अनमोल खजाना है।
भल्ला ने बताया कि दुर्लभ घड़ियां सहेजने का शौक उन्हें उनके दादा हुकूमत राय भल्ला से विरासत में मिला, जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश में रहने के दौरान वहां से कुछ घड़ियां स्वदेश ले आए थे। उन्होंने कहा, “मैंने 16 साल की उम्र में जो पहली घड़ी खरीदी थी, वह एक ‘एनिवर्सरी क्लॉक’ थी यानी इसमें सालभर में केवल एक बार चाबी भरनी पड़ती है। इसके बाद जब भी मेरे पास थोड़ा अतिरिक्त धन आता, मैं घड़ियां खरीद लेता।”
लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स भी किया है अपने नाम
भल्ला के खजाने में तरह-तरह की घड़ियां साल-दर-साल जमा होती रहीं। उन्होंने बताया कि लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स ने वर्ष 2013 में उनके नाम राष्ट्रीय कीर्तिमान का प्रमाण पत्र जारी किया था। प्रमाण पत्र के मुताबिक, भल्ला के दुर्लभ संग्रह की सबसे पुरानी घड़ी 10 फीट ऊंची ‘ग्रैंडफादर क्लॉक’ है, जिसका निर्माण वर्ष 1750 के दौरान फ्रांस में किया गया था।
बहरहाल, भल्ला का दावा है कि उनके पास एक ऐसी घड़ी भी है, जो वर्ष 1700 के आस-पास बनाई गई थी। उन्होंने बताया कि उनके संग्रह की नायाब घड़ियों में इंग्लैंड में 1830 के दौरान लकड़ी के एक ही टुकड़े को तराशकर बनाई गई घड़ी शामिल है, जो दुनिया के 16 प्रमुख शहरों का वक्त अलग-अलग ‘डायल’ के जरिये एक साथ दर्शाती है। (इनपुट: भाषा)
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