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आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल का हुआ पुनर्गठन, 25 मंत्रियों ने ली शपथ

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया, जिसमें 13 नए चेहरों को शामिल किया गया और 11 लोगों को फिर से मौका दिया गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 11, 2022 15:00 IST
आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल का हुआ पुनर्गठन- India TV Hindi
Image Source : ANI आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल का हुआ पुनर्गठन

Highlights

  • आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल का पुनर्गठन, 25 मंत्रियों ने ली शपथ
  • 13 नए चेहरों को शामिल किया गया
  • 11 लोगों को फिर से मौका दिया गया है

अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया, जिसमें 13 नए चेहरों को शामिल किया गया और 11 लोगों को फिर से मौका दिया गया है। वरिष्ठ विधायक धर्मना प्रसाद राव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वह मंत्रिमंडल में शामिल किए गए सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने राजधानी अमरावती में राज्य सचिवालय के पास एक सार्वजनिक समारोह में मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। विधान परिषद से किसी को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।

नए मंत्रिमंडल का गठन पूरी तरह से जाति और समुदाय के आधार पर किया गया है, जिसमें 10 मंत्री पिछड़े वर्ग से नाता रखते हैं। मुख्यमंत्री समेत दो अल्पसंख्यक समुदाय से, पांच अनुसूचित जाति (एससी) से और एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) से है। रेड्डी और कापू समुदाय से चार-चार लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में चार महिला सदस्य हैं, जिनमें से एक को दूसरी बार मौका दिया गया है। कम्मा, क्षत्रिय और वैश्य समुदाय, जिनके पिछले मंत्रिमंडल में एक-एक प्रतिनिधि थे, अब पूरी तरह से इससे बाहर हो गए हैं। ब्राह्मण समुदाय से फिर से किसी को मौका नहीं दिया गया। राज्य के कुल 26 जिलों में से कम से कम सात को नए मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला। 

सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने इसे सामाजिक मंत्रिमंडल के रूप में बताया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अजा, अजजा और अल्पसंख्यक समुदायों के 70 प्रतिशत प्रतिनिधि हैं। रेड्डी ने जब 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब ही घोषणा की थी कि वह ढाई साल बाद (दिसंबर 2021) अपने मंत्रिमंडल को पूरी तरह बदल देंगे और 90 प्रतिशत नए लोगों को मौका देंगे और 10 प्रतिशत (यानी तीन मंत्रियों) को दोबारा मौका देंगे। इस हिसाब से मुख्यमंत्री के अलावा केवल दो पुराने मंत्रियों को ही रखे जाना था, लेकिन रेड्डी ने पिछले मंत्रिमंडल से 11 लोगों को दोबारा मौका दिया है, इन्हें सात अप्रैल को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। इनपुट-भाषा 

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