Monday, December 02, 2024
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आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कैसे होती है चादर-कंबल की धुलाई, सामने आया वीडियो

ट्रेनों में मिलने वाले कंबलों की धुलाई का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो आनंद विहार रेलवे स्टेशन का है, जहां चादरों और कंबलों की धुलाई की जाती है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Dec 01, 2024 21:50 IST, Updated : Dec 01, 2024 21:50 IST
Anand vihar railway station laundry- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV/X-ANI आनंद विहार रेलवे स्टेशन में चादरों की धुलाई

भारतीय रेलवे की तरफ से ट्रेनों में मिलने वाले बेड रोल कई दिनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। एक नेता ने संसद में सवाल किया था कि ट्रेनों में मिलने वाले कंबल कितने दिनों में धोए जाते हैं। रेल मंत्री ने इसके जवाब में कहा था कि एक महीने में कम से कम एक बार जरूर कंबलों को धोया जाता है। इसके बाद से रेलवे की तरफ से स्पष्ट किया गया कि ट्रेनों में मिलने वाली चादरें और तकिये के कवर रोजाना धोए जाते हैं, लेकिन कंबल महीने में एक बार धुलते हैं।

अब आनंद विहार रेलवे स्टेशन की लॉन्ड्री का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि कंबलों और चादरों की सफाई वॉशिंग मशीन में हो रही है। यह वीडियो मशीनीकृत लॉन्ड्री का है, जहां यात्रियों को स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरोल उपलब्ध कराने के लिए लेनिन की सफाई की जा रही है।

आनंद विहार से होती है 17500 सेट की आपूर्ति

बेडरोल और कंबलों के रखरखाव और सफाई पर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ, हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा "यह लॉन्ड्री 2017-18 में शुरू हुई थी। यह पूरी तरह से मशीनीकृत लॉन्ड्री है। आनंद विहार टर्मिनल को लगभग 17500 लेनिन सेट की आपूर्ति की जाती है, जिसका एक बड़ा हिस्सा इस लॉन्ड्री से जाता है। लेनिन की सफाई एक उचित प्रक्रिया के अनुसार की जाती है। धुले हुए लेनिन को उच्च तापमान पर मशीनीकृत स्टीमर में इस्त्री किया जाता है। कंबलों को नेफथलीन की भाप वाली गर्म हवा से स्प्रे स्टरलाइज किया जाता है।"

15 दिन में धुल रहे नए कंबल

हिमांशु शेखर ने बताया कि राजधानी ट्रेन में इस्तेमाल किए जाने वाले कंबल (लेनिन) 15 दिन में एक बार धोए जाते हैं। 2010 से पहले भारतीय रेलवे में जो कंबल दिए जाते थे। वह 3 महीने में एक बार धुलते थे। मगर 2014 से 2024 के बीच में अंतराल को कम किया गया। अभी कुछ समय तक लेनिन को एक महीने मे एक बार धोया जाता है। मगर अब हाई क्वाल्टी लेनिन को 15 दिनों में एक बार धोया जा रहा है। जो चादर और तकिया कवर ट्रेन में दिया जाता है। उसे एक बार इस्तेमाल के बाद धोया जाता है। भारतीय रेलवे पूरे भारत में 6 लाख से ज्यादा कम्बल एक दिन में यात्रियों को मुहैया कराता है। नॉर्दर्न रेलवे में 1 लाख कम्बल, बेड रोल एक दिन में यात्रियों को दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि यूवी रेज रोबोटिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से अब हर राउंड के बाद कंबल साफ किए जाएंगे। 

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