अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब उसको लेकर हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। 'वारिस पंजाब दे' के चीफ कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था। अब सामने आ रहा है कि अमृतपाल के ड्रग लॉर्ड्स और कुख्यात खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ संबंध थे।
'ड्रग लॉर्ड अमृतपाल'
जानकारी सामने आई है कि जिस सफेद लग्जरी मर्सिडीज एसयूवी में अमृतपाल खुलेआम घूमता था वह उसे ड्रग माफिया ने दी थी जिसका नाम रावेल सिंह बताया जा रहा है। अमृतपाल ड्रग डीलर रवेल सिंह से मर्सिडीज लेने में क्यों नहीं झिझका और फरार होने से पहले तक उसी में खुलेआम घूमता रहा। ये कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए नशामुक्ति केंद्रों में नशे के पीड़ितों के एक निजी मिलिशिया का निर्माण कर रहा था। इन नशामुक्ति केंद्रों में पाकिस्तान से अवैध रूप से हथियार मंगाए जाते हैं। इतना ही नहीं अमृतपाल के पाकिस्तान में ISI से तार जुड़े होने के भी सबूत मिले हैं जो उसे अवैध रूप से ड्रग्स के कारोबार को चलाने में मदद करते हैं।
नशामुक्ति केंद्रों को बना रहा था हिंसा की फैक्ट्री
'वारिस पंजाब दे' (WPD) के सहयोगी इन नशामुक्ति केंद्र के पीड़ितों में एक कट्टरपंथी हिंसक सोच विकसित करने की कोशिश करते हैं। अगर कैदी उनके विचारों से सहमत नहीं होते हैं, तो उन्हें तब तक पीटा जाता है जब तक कि वे WPD के हिसाब से चलना शुरू नहीं कर देते। 'वारिस पंजाब दे' हिंसक विरोध प्रदर्शन करने के लिए इन नशामुक्ति केंद्रों के कैदियों का उपयोग करता है। अमृतपाल ड्रग्स की खराब गुणवत्ता वाली सस्ती एंटीडोट्स खरीदकर नशे की दवाओं के नेक्सस में शामिल है, जिससे ड्रग्स पर निर्भरता बढ़ती जाती है।
ड्रोन से ड्रग्स तस्करी में हो सकता है हाथ
इतना ही नहीं सरकार के सूत्रों की मानें तो जब से अमृतपाल पंजाब में आया है, सीमा पार से ड्रग्स लाने वाले ड्रोनों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। इससे एजेंसियों को शक है कि अमृतपाल पाकिस्तान से भारत में ड्रोन से ड्रग्स लाने में शामिल भी है। जांच में ये भी सामने आया है कि अमृतपाल सिंह के दुबई में जसवंत सिंह रोडे से संबंध थे। उसका भाई लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान से भारत में नशे का कारोबार करता है। जांच एजेंसियों को ये भी शक है कि अमृतपाल इसमें शामिल हो सकता है।
विदेशों में बैठे ड्रग डीलरों से जुड़े तार
जांच एजेंसियों के सामने एक सवाल ये भी है कि 'वारिस पंजाब दे' द्वारा नशामुक्ति केंद्र अगर चलाए जा रहे थे तो उनमें किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। इन केंद्रों में सरेाम आम नागरिकों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा था। इतना ही नहीं अमृतपाल के लंदन स्थित सहयोगी अवतार सिंह खांडा के संबंध भारत में ड्रग्स भेजने वाले परमजीत सिंह पम्मा से हैं। अमृतपाल के संबंध पाकिस्तान स्थित सीमा पार के ड्रग डीलरों जैसे बिल्ला, बिलाल, राणा आदि से भी है।
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