Highlights
- अमित शाह ने एनडीआरएफ की एक इकाई का भी दौरा किया
- शाह ने बाढ़, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बल के काम की सराहना की
- शाह ने बताया कि भारत में अपराध के मामलों में सजा की दर दुनिया में कहीं और की तुलना में काफी कम है
पुणे: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के सामने नशीले पदार्थों, हथियारों की तस्करी, जाली नोट और घुसपैठ जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन बहुत से कदम उठाये सकते हैं और अपराध के मामलों में सजा की दर को फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) की मदद से बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए क्षमता निर्माण का विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि अपराध के मामलों में दोषसिद्धि दर बढ़ाई जा सके। शाह ने रविवार को महाराष्ट्र के पुणे जिले के तालेगांव में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का दौरा किया, जहां उन्होंने केन्द्र के एक नए परिसर का उद्घाटन किया।
अमित शाह ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक इकाई का भी दौरा किया जहां उन्होंने एनडीआरएफ कर्मियों के साथ बातचीत की और बल के जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया। तालेगांव में एनडीआरएफ परिसर में एक संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने बाढ़, चक्रवात या इमारत ढहने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बल के काम की सराहना की। फोरेंसिक विज्ञान के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक सुरक्षा के लिए कई चुनौतियां हैं जैसे कि नशीले पदार्थ, हथियारों की तस्करी, जाली नोट, घुसपैठ, लेकिन एफएसएल की मदद से हम बहुत कुछ कर पाएंगे।’’
गुजरात में एक अत्याधुनिक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उदाहरण देते हुए शाह ने कहा कि जब (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने एफएसएल की स्थापना का सख्ती से पालन किया था और परिणामस्वरूप, यह अब दुनियाभर में एक मान्यता प्राप्त संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘जब गुजरात में एफएसएल बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा था, विशेषज्ञ फोरेंसिक विज्ञान जनशक्ति की कमी महसूस की गई थी। चूंकि देश में फोरेंसिक विज्ञान के लिए कोई कॉलेज या विश्वविद्यालय नहीं था, मोदी जी ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के विचार की परिकल्पना की थी, और अब विश्वविद्यालय गुजरात में काम कर रहा है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर राज्य को फोरेंसिक विज्ञान के लिए एक समर्पित कॉलेज स्थापित करना चाहिए और ऐसे संस्थान को इस विश्वविद्यालय से संबद्ध करना चाहिए। शाह ने बताया कि भारत में अपराध के मामलों में सजा की दर दुनिया में कहीं और की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य इस दर को बढ़ाना होना चाहिए। अगर हम अपराध को नियंत्रित करना चाहते हैं तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक हम अपराधियों को सजा नहीं देते। अपराधियों को सजा देने का काम तब होगा जब हमारे पास जांच की प्रक्रिया में वैज्ञानिक साक्ष्य के लिए जगह होगी।’’ उन्होंने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान के और कॉलेजों के साथ प्रशिक्षित जनशक्ति होगी। उन्होंने कहा कि तकनीक की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैज्ञानिक साक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे अदालतों तक पहुंचे।
अमित शाह ने पुणे के वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (VAMNICOM) के दीक्षांत समारोह-2021 को भी संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि मैं सभी छात्र-छात्राओं को जीवन के एक नये पड़ाव की शुरुआत पर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं। शाह ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाने व छोटे किसानों को समृद्ध बनाना है तो ये सिर्फ देश की युवा शक्ति ही कर सकती है। जिस दिन आप खुद की बजाए दूसरों के लिए सोचना शुरू करते हैं तो बहुत सारे लोग आपके लिए सोचते हैं, यही जीवन में सफलता का मंत्र है। जब देश दुनिया के सामने सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनकर खड़े होने के लिए अग्रसर है तब सहकारिता की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। क्योंकि देश की 130 करोड़ जनता को आत्मनिर्भर बनाकर उनका एक समान व सर्वस्पर्शी विकास करने की क्षमता सिर्फ सहकारिता के क्षेत्र में ही है। सहकारिता को मजबूत करने हेतु मोदी जी के नेतृत्व में हम कई अहम कदम उठा रहे हैं। देश की सभी PACS जो सहकारिता की आत्मा है, उनका कम्प्यूटरीकरण कर उन्हें जिला सहकारी बैंक से लेकर नाबार्ड तक जोड़कर पूरी एग्रीकल्चर फाइनेंस की व्यवस्था में पारदर्शिता लाना हमारा लक्ष्य है।