Sunday, December 22, 2024
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सरदार पटेल की जयंती से पहले क्यों हुआ 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन? अमित शाह ने बताया, भारत रत्न को लेकर कही बड़ी बात

सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। उनकी जयंती पर देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस बार सरदार पटेल की जयंती से दो दिन पहले दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया गया। इस खास कार्यक्रम में अमित शाह ने हिस्सा लिया।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Oct 29, 2024 10:20 IST, Updated : Oct 29, 2024 10:28 IST
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
Image Source : X/AMITSHAH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत को मिटाने और कमजोर करने का प्रयास किया गया। उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया। पटेल की जयंती से पहले 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने कहा कि देश के पहले गृह मंत्री की दूरदर्शिता और कुशाग्र बुद्धि के कारण ही 550 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय हुआ। उनके प्रयास के चलते ही देश एक हुआ है। अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल के कारण ही लक्षद्वीप द्वीप समूह, जूनागढ़, हैदराबाद और अन्य सभी रियासतों का भारत में विलय हुआ।

लंबे समय तक भारत रत्न से रखा गया वंचित

अमित शाह ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, 'सरदार पटेल की विरासत को मिटाने और कमजोर करने का प्रयास किया गया। उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से भी वंचित रखा गया।' हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे) ने गुजरात के केवड़िया में पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की थी। सरदार पटेल को उचित तरीके से सम्मानित किया गया था।

मरणोपरांत 1991 में दिया गया भारत रत्न

सरदार पटेल को 1950 में उनकी मृत्यु के 41 साल बाद 1991 में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। शाह ने कहा कि देश के लोग अब एकजुट हैं। उन्होंने 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। 

दीपावली के चलते दो दिन पहले 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, '2047 तक भारत सभी मापदंडों में दुनिया का अग्रणी देश होगा। रन फॉर यूनिटी आमतौर पर पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को आयोजित की जाती है। लेकिन इस साल इसे दो दिन पहले आयोजित किया गया क्योंकि उस दिन दीपावली पड़ रही है।' 

धनतेरस के अवसर पर दौड़ का आयोजन

इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा, 'आज धनतेरस है और हम इस शुभ अवसर पर दौड़ का आयोजन कर रहे हैं। मोदी सरकार राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए अपने समर्पण को बढ़ावा देने और सुदृढ़ करने के लिए 2014 से 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाती आ रही है।'

31 अक्टूबर, 1875 में हुआ सरदार पटेल का जन्म

बता दें कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वह भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री भी बने। पटेल को 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में विलय करने का श्रेय दिया जाता है। भारत को एकीकृत करने में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

पिछले हफ्ते अमित शाह ने घोषणा की थी कि सरकार देश के लिए उनके महान योगदान का सम्मान करने के लिए 2024 से 2026 तक दो साल के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के साथ सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मनाएगी।

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