Wednesday, April 16, 2025
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'जो भारत में योगदान देंगे उनका स्वागत, घुसपैठियों के लिए सख्ती जरूरी', इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल पर बोले अमित शाह

इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, जो संस्कृति हमारी रही है पहले इस तरीके की कानून की जरूरत नहीं पड़ी थी। दुनिया भर में सभी देशों में भारत से बाहर गए हुए प्रवासी शायद ही किसी और देश के साथ हो।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Mar 27, 2025 15:49 IST, Updated : Mar 27, 2025 21:02 IST
गृह मंत्री अमित शाह
Image Source : PTI गृह मंत्री अमित शाह

आजकल देश में नए इमिग्रेशन बिल को लेकर चर्चा जोरों पर है। घुसपैठ और अवैध अप्रवास रोकने के मकसद से लाए गए इस बिल का नाम इमिग्रेशन एंड फॉरेन बिल 2025 (अप्रवासन और विदेशी विधेयक) है। गृह मंत्री अमित शाह ने आज इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सबसे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, हमारे भारत देश में पारसी सम्मान के साथ रहते हैं। इजरायल से यहूदी भाग कर आए भारत में सुरक्षित रह रहे हैं। आसपास के 6 देश से जो लोग प्रताड़ित होकर आए हैं मोदी सरकार के राज में रह रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, जो संस्कृति हमारी रही है पहले इस तरीके की कानून की जरूरत नहीं पड़ी थी। दुनिया भर में सभी देशों में भारत से बाहर गए हुए प्रवासी शायद ही किसी और देश के साथ हो। हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है।

'72 लाख NRI विश्व भर में रहते हैं'

उन्होंने आगे कहा, महात्मा गांधी प्रवासी बनकर अफ्रीका में गए पूरे देश का संदेश लेकर गए, जिस साम्राज्य का कभी सूरज नहीं अस्त होता था उसको घुटने टेकने पर वहां पर मजबूर किया। सुंदर पिचाई, सत्य नडेला, ऋषि सुनक, कमला हैरिस और सुनीता विलियम यह सब ऐसे उदाहरण है जो प्रवासी है भारतीय मूल के हैं और समृद्ध भारतीय परंपरा प्रदर्शित कर रहे हैं। विश्व का सबसे बड़ा डायसपोरा भारत का है। प्रवासियों के भ्रमण को देश की आर्थिक स्थिति से नहीं जोड़कर देखा जाना चाहिए। आज भारत के एक करोड़ 72 लाख एनआरआई हैं विश्व भर में इतना बड़ा डायस्पोरा पूरी दुनिया में नहीं है। ऐसे लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह बिल लेकर आए हैं।

जो कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत- शाह

अमित शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हो भारत की शांति को भंग करते हैं उनके लिए कठोरता को लेकर यह कानून आया है। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

आप्रवास विधेयक में संतुलन का अभाव- कांग्रेस

इससे पहले कांग्रेस ने आज लोकसभा में आप्रवास से संबंधित इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसमें संतुलन का अभाव है और कानून बनने के बाद इसका दुरुपयोग होने की प्रबल आशंका है। पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक, 2025 विधेयक’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार से आग्रह किया कि इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा ताकि एक समग्र और संतुलित विधेयक पेश हो। उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वतंत्रता की लड़ाई क्यों लड़ी थी? क्या यह सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए थी? नहीं। यह कुछ मूल्यों और सिद्धांतों के लिए थी।’’

'विधेयक के माध्यम से सरकार को बहुत शक्ति दी जा रही'

उनका कहना था कि जब कोई विधेयक लाया जाए तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उसका मौलिक अधिकारों पर असर नहीं हो। तिवारी ने कहा कि विदेशियों के आगमन को नियंत्रित करना और घुसपैठ को रोकना जरूरी है, लेकिन नागरिकों के अधिकारों के साथ संतुलन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार को बहुत शक्ति दी जा रही है और उससे कानून का दुरुपयोग होने की आशंका बढ़ जाती है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अगर कोई सत्तापक्ष की विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखता तो क्या उसके खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो सकता है?’’ उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अतीत में ऐसी बाते हुई हैं और किसान आंदोलन के समय कुछ लोगों को भारत आने से रोका गया, लेकिन बाद में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में उन्हीं लोगों को बुलाकर सम्मानित किया गया।

खत्म होंगे ये पुराने 4 कानून

बता दें कि यह विधेयक भारत में एंट्री और बाहर जाने के लिए पासपोर्ट, वीजा, पंजीकरण और विदेशियों के नियमन से जुड़ा हुआ है। इस बिल के कानून बनने के बाद इमिग्रेशन और विदेशी नागरिकों से जुड़े 4 पुराने कानूनों को भी खत्म किया जाएगा। जिससे अवैध घुसपैठियों से देश का पीछा छूटेगा। इमिग्रेशन एंड फॉरेन बिल 2025 के कानून बनने के बाद सरकार 4 कानून खत्म हो जाएंगे। जिनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल हैं। सरकार नए कानून बनते ही इन चारों को खत्म कर देगी।

क्या है नए बिल में?

  1. इस नए बिल में यह प्रस्ताव रखा गया है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के एंट्री और निवास कड़े नियमों के दायरे में रहेंगे।
  2. इसमें प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या फिर वह देश में फर्जी डाक्यूमेंट के आधार पर रह रहा है या देश में अवैध रूप से नागरिकता हासिल करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  3. इसके अलावा, अगर किसी विदेश के आने से भारत के किसी अन्य देश के साथ संबंध प्रभावित होने की संभावना है तो उसे देश में घुसने से रोका जा सकता है। इस बिल में प्रस्ताव रखा गया है कि इमिग्रेशन अधिकारी के फैसले को अंतिम माना जाएगा।
  4. बिल में यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति बिना वैलिड पासपोर्ट के या यात्रा दस्तावेज के देश में आता है तो उसे पांच साल की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
  5. अगर कोई जाली डाक्यूमेंट का इस्तेमाल कर या धोखाधड़ी से पासपोर्ट हासिल करता है तो उसे 2 साल से लेकर 7 साल तक की कैद हो सकती है। साथ ही ऐसे मामलों में कम से कम 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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