Highlights
- पीएम मोदी ने किया काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारे का उद्घाटन
- अमित शाह बोले- मोदी ने भारतीय संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा
- इस संबंध में अमित शाह ने कई ट्वीट किए
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारा परियोजना के पहले चरण की शुरुआत कर भारतीय संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है। शाह ने देश की ओर से मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पुनर्विकास के बाद श्रद्धालु वाराणसी के ऐतिहासिक मंदिर परिसर का बेहतर 'दर्शन' कर सकेंगे। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी सदियों से सनातन संस्कृति का प्रतीक रही है।
शाह ने ट्विटर पर कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने धर्म के प्रति अपनी अनूठी भक्ति को साकार करते हुए काशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरूप का लोकार्पण कर भारतीय संस्कृति के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ने भारतीय संस्कृति के वाहक और धर्म के रक्षक के रूप में सनातन संस्कृति के आस्था केंद्रों के गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए एक अनूठा काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन हर भारतीय के लिए बहुत खुशी और गर्व का दिन है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस उद्घाटन से विश्व के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु गंगा मां के दर्शन कर सीधे बाबा विश्वनाथ की आराधना कर सकेंगे और उन्हें काशी विश्वनाथ धाम की दिव्यता एवं भव्यता का भी गौरव प्राप्त होगा।
पीएम मोदी- जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि काशी तो काशी है। उन्होंने कहा कि भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ। यह देश, बाकी दुनिया से अलग है। प्रधानमंत्री ने वाराणसी की सभ्यता और विरासत की प्रशंसा की और कहा कि कई सल्तनतों का उदय और पतन हुआ, लेकिन बनारस बना रहा।
मोदी ने कहा, ‘‘आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया। इसे नष्ट करने की कोशिश की। औरंगजेब के अत्यचार और आतंक का इतिहास गवाह है। उसने कट्टरता से संस्कृति को दबाने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है। यहां अगर (मुगल सम्राट) औरंगजेब आया, तो (मराठा योद्धा) शिवाजी का भी उदय हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर सलार मसूद आगे बढ़ा तो राजा सुहेलदेव जैसे योद्धाओं ने इस देश की एकता की ताकत का उसे अहसास कराया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘काशी विश्वनाथ धाम का पूरा नया परिसर केवल शानदार इमारत नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, हमारे अध्यात्म और भारती की प्राचीनता व परंपरा का प्रतीक है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर जो पहले मात्र 3000 वर्ग फुट का था, वह बढ़कर अब करीब पांच लाख वर्ग फुट हो गया है। अब 50 से 70 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नया इतिहास बना है और हमारा सौभाग्य है कि हम इसके गवाह बने हैं।’’
मोदी ने अपने भाषण के दौरान स्थानीय बोली का भी इस्तेमाल किया। अपने निर्वाचन क्षेत्र आने के बाद मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की और गंगा नदी में डुबकी लगाई। वह वहां से पवित्र गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आए।