कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर बुधवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में अमित शाह के साथ दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। बैठक में हुए कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद पर शाह ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं सुनाता तब तक दोनों राज्य कोई दावा नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह मसला संविधान के हिसाब से ही सुलझेगा। इसके अलावा उन्होंने यह अपील करते हुए कहा, "गृह मंत्री के रूप में, मैं महाराष्ट्र और कर्नाटक में विपक्षी दलों से राज्यों के सीमा मुद्दे का राजनीतिकरण न करें"। उन्होंने आगे कहा, "मुद्दों को केवल संवैधानिक तरीकों से सुलझाया जा सकता है, सड़क पर नहीं"। केंद्र ने राज्यों के सीमा मुद्दों को हल करने के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक के मंत्रियों को शामिल करते हुए छह सदस्यीय दल गठित किया है।
केंद्र ने महाराष्ट्र और कर्नाटक को सीमा विवाद के हल के लिए मंत्रालयी टीम गठित करने कहा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक और महाराष्ट्र को सीमा विवाद के हल के लिए दोनों राज्यों से छह सदस्यों की एक टीम गठित करने को कहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कर्नाटक के उनके समकक्ष बसवराज बोम्मई के साथ एक बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सीमा विवाद का हल सड़कों पर नहीं, बल्कि सिर्फ संवैधानिक तरीकों से किया जा सकता है। शाह ने कर्नाटक में 865 मराठी भाषी गांवों पर महाराष्ट्र के दावा करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में हिंसा भड़कने पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यहां बुलाया था। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र भी बैठक में उपस्थित थे। हाल में महाराष्ट्र के वाहनों को बेलगांव में और कर्नाटक के वाहनों को पुणे में क्षतिग्रस्त किये जाने के बाद सीमा विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया था।