लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हो रही चर्चा का आज दूसरा दिन है। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा पर अपना मत रखा। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नॉर्थ ईस्ट को मुख्यधारा में लाई है। पीएम मोदी 50 से अधिक बार नॉर्थ ईस्ट का दौरा कर चुके हैं। नॉर्थ ईस्ट में केवल कागजी शांति नहीं है बल्कि इसके पीछे हमने रणनीति पर काम किया है। शाह ने कहा, 'मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ लेकिन इस मामले पर राजनीति करना और ज्यादा शर्मनाक बात है।' उन्होंने कहा कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहता है। मणिपुर हिंसा को लेकर कई तरह की अफवाह फैलाई गई। पिछले 6 सालों में एक भी दिन मणिपुर में कर्फ्यू नहीं लगा।
मणिपुर पर सदन में बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार पहले दिन से मणिपुर मामले पर चर्चा के लिए तैयार थी। स्पीकर को खत लिखकर इसपर चर्चा की मांग भी की गई थी। लेकिन विपक्ष इस मामले पर चर्चा नहीं करना चाहता था। उन्होंने कहा , 'वे चर्चा नहीं चाहते थे, वे केवल विरोध करना चाहते थे। अगर वे मेरी चर्चा से असंतुष्ट थे तो वे पीएम मोदी से बोलने के लिए कह सकते थे।' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मणिपुर दौरे के दौरान सड़क मार्ग से जाने की जिद पर अड़े रहे, जबकि वह शांति से हवाई मार्ग से जा सकते थे। ये समय राजनीति करने का नहीं होता है। विपक्ष को यह बात समझनी चाहिए।
वायरल वीडियो पर कही ये बात
मणिपुर वायरल वीडियो पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि 4 मई की दुर्घटना शर्मनाक है। लेकिन संसद सत्र के एक दिन पहले ही ये वीडियो क्यों आया। ये वीडियो जिसने भी फैलाया उसे यह वीडियो पुलिस को देना चाहिए था। जिस दिन यह वीडियो सामने आया उसी दिन 9 लोगों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। वे लोग अब ट्रायल का सामना कर रहे हैं। शाह ने कहा, 'यह हिंसा परिस्थितिजन्य हिंसा है। देश को बताना चाहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे सुबह 4 बजे फोन किया और दूसरे दिन 6.30 बजे उठाया। बावजूद इसके ये कह रहे हैं कि मोदी ध्यान नहीं रख रहे हैं। हमने तीन दिन तक लगाना काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की, 36 हजार जवान भेजे, चीफ सेक्रेटरी को बदल दिया गया। डीजीपी बदल दिए गए और सुरक्षा सलाहकार को मणिपुर भेजा गया।