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गुजरात सभी पुलिस कमिश्नरेट में 30 अप्रैल तक तीनों नए फौजदारी कानून लागू करे: अमित शाह

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को पिछले साल एक जुलाई को लागू किया गया था। इन कानूनों ने क्रमशः औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jan 30, 2025 23:38 IST, Updated : Jan 30, 2025 23:40 IST
amit shah
Image Source : PTI अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि गुजरात सरकार को 30 अप्रैल तक सभी पुलिस कमिश्नरेट में और जल्द से जल्द पूरे राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना सुनिश्चित करना चाहिए। शाह गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को परिपत्र जारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संगठित अपराध, आतंकवाद और भीड़ द्वारा हत्या के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो।

पिछले साल 1 जुलाई को लागू किए थे तीनों कानून

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को पिछले साल एक जुलाई को लागू किया गया था। इन कानूनों ने क्रमशः औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक नए कानूनों को लागू करने में गुजरात सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को 30 अप्रैल तक सभी पुलिस कमिश्नरेट में इनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए और जल्द से जल्द पूरे राज्य में इनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इसकी मासिक समीक्षा की जानी चाहिए, राज्य के गृह मंत्री द्वारा पाक्षिक रूप से तथा मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जानी चाहिए।

शाह ने की गुजरात की सराहना

शाह ने कहा कि गुजरात ने 10 वर्ष से अधिक की सजा वाले 92 प्रतिशत से अधिक मामलों में समय पर आरोप पत्र दाखिल करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने रेखांकित किया कि शेष मामलों के लिए, कानून में उन प्रावधानों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा की जानी चाहिए जो अदालत से अनुमति लेने का प्रावधान करते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात ने ‘जीरो एफआईआर’ को 100 प्रतिशत नियमित एफआईआर में परिवर्तित करने में सराहनीय काम किया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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