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Jayshankar on UN: रूस के विरोध में अमेरिका UN में फिर पेश करेगा निंदा प्रस्ताव, भारत के लिए कड़ी परीक्षा, विदेशमंत्री जयशंकर ने बताया अपना रूख

Jayshankar on UN: यूक्रेन में रूस के जनमत संग्रह को लेकर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मजबूत प्रस्ताव रखा है। हो सकता है कि अगले सप्ताह की शुरुआत में ही इस पर चर्चा हो और वोटिंग भी कराई जाए।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Sep 30, 2022 10:43 IST, Updated : Sep 30, 2022 10:43 IST
Foreign Minister Jaishankar
Image Source : FILE Foreign Minister Jaishankar

Jayshankar on UN:  रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लेकर पश्चिमी देशों की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं। समरकंद में आयोजि शंघाई समिट के दौरान पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को स्पष्ट संकेत दे दिया था कि युद्ध किसी भी स्थिति में जायज नहीं है। इससे किसी का भला नहीं होता। पीएम मोदी ने पुतिन को जंग की बजाय शांति से रास्ता निकालने की बात कही थी। भारत के इस रूख के बाद अमेरिका सहित पूरा पश्चिमी देशों का समूह भारत की ओर नजरें गड़ाए हुए है। अब असली परीक्षा युनाइटेड नेशन में होने वाली है। यूक्रेन में रूस के जनमत संग्रह को लेकर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मजबूत  प्रस्ताव रखा है। हो सकता है कि अगले सप्ताह की शुरुआत में ही इस पर चर्चा हो और वोटिंग भी कराई जाए। अब तक भारत रूस के मुद्दे  पर वोटिंग से बचता आया है। अब देखना है कि भारत का अगला कदम क्या होगा। 

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा-अभी करो इंतजार

वॉशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आपको इंतजार करना चाहिए कि यूएन में हमारे राजदूत क्या कहेंगे। वहीं एसईओ की बैठक के बाद ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लामबंदी की घोषणा कर दी थी। इसके बाद 23 से 27 सितंबर के बीच यूक्रेन के चार बड़े इलाकों में जनमत संग्रह कराया गया। इस जनमत संग्रह की पश्चिम में काफी आलोचना की गई। 

अब अमेरिका संयुक्ता राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में चौथा प्रस्ताव ला रहा है। हालांकि इस बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के वीटो की वजह से हो सकता है कि यह प्रस्ताव आगे ही न बढ़ पाए।  लेकिन अमेरिका यूएन जनरल असेंबली में प्रस्ताव पेश कर सकता है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस ने यूक्रेन में जनमत संग्रह करवाकर उसकी संप्रभुता, अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता पर वार किया है। दरअसल, रूस ने यूक्रेन के लुहांस्क, दोनेत्स्क,ए खेरसोन और जपोराज्जिया में जनमत संग्रह करवाया था।  

चीन के साथ संबंधों को लेकर विदेश मंत्री ने कही यह बात

चीन से संबंधों के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कहा है कि यह दोनों तरफ की संवेदनशीलता, सम्मान और हितों पर निर्भर करता है। न्यूयॉर्क में यूएन की बैठक में शामिल होने के बाद विदेश मंत्री वॉशिंगटन पहुंचे हैं। यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे चीन के साथ संबंध पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहाए मैंने जो कुछ भी कहा है उससे हमारे नीति स्पष्ट है। हम चीन के साथ संबंध सुधारने में लगे हैं लेकिन यह अकेले संभव नहीं है। 

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