Amarnath Yatra: कोरोना के कारण दो साल से बंद अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हो गई। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। यात्रा सुरक्षित रहे, इसके लिए सुरक्षा जवान तैनात हैं। साथ ही प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है। इस यात्रा के दो रास्ते हैं। एक पहलगाम से और दूसरा बालटाल से। 30 जून और एक जुलाई की रात को विपरीत मौसम के कारण बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास नाले में पानी बढ़ जाने से पुल बह गए। प्रशासन ने पुल के निर्माण की मांग की है, ताकि यात्रा में रुकावट न आए। इस पर चिनार कॉर्प्स के किलो फोर्स ने अंधेरे और विपरीत मौसम की बाधाओं के बीच पूरी तरह से नया पुल तैयार कर दिया। इसके बाद यात्रा फिर सुचारू शुरू हो गई। तेजी के साथ पुल निर्माण ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सुरक्षा जवान हमेशा नागरिकों की सेवा के लिए तत्पर है।
दूसरे दिन 11 हजार लोगों ने किए दर्शन
इसी बीच अमरनाथ यात्रा जारी है। दूसरे दिन 11 हजार भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। जम्मू से भेजे गए तीसरे जत्थे में बालटाल रूट के लिए 1561 पुरुष, 636 महिलाएं, 43 बच्चे, 63 साधु और 6 साध्वियों के साथ कुल 2309 यात्री 111 हल्के और भारी वाहनों में भेजे गए। इसी तरह पहलगाम रूट के लिए 3208 पुरुष, 799 महिलाएं, 12 बच्चे, 103 साधु, 8 साध्वियां और एक किन्नर श्रद्धालु 153 हल्के और भारी वाहनों में कश्मीर के लिए भेजे गए। बाबा के दर्शन करने के लिए लगातार देश भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दूसरे दिन जत्थे का राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह स्वागत किया गया।
बारिश में फंसे लोगों को सुरिक्षत जगह पहुंचाया गया
देर रात बारिश में फंसे लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। इससे पहले जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से तीसरे जत्थे में 6440 शिवभक्त कश्मीर के लिए रवाना हुए। उधर देर रात पहाड़ों पर बारिश होने से बरारी मार्ग पर दो पुलों पर अचानक पानी बढ़ गया। इसमें फंसे यात्रियों को जम्मू कश्मीर पुलिस ने मदद कर दूसरी ओर पहुंचाया। जम्मू में रोजाना देशभर से पांच से छह हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।