Highlights
- 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी
- यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी
Amarnath Yatra: विशेष पूजा अर्चना के लिये पवित्र छड़ी मुबारक को बुधवार को अमरनाथ यात्रा के पारंपरिक आधार शिविर पहलगाम ले जाया गया। प्रथा के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के बीच आषाढ़-पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहलगाम में भूमि-पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण जैसे अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में साधुओं और भक्तों की उपस्थिति में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए गए।
छड़ी मुबारक को ऐतिहासिक मार्तंड सूर्य मंदिर मट्टन ले जाया गया
समारोह को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। छड़ी मुबारक को ऐतिहासिक मार्तंड सूर्य मंदिर मट्टन भी ले जाया गया और वहां भी इसी तरह की रस्में निभाई गईं।
श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़े में 31 जुलाई को छड़ी-मुबारक की पूजा करने से पहले उसे 28 जुलाई को यहां के ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर और 29 जुलाई को शारिका भवानी मंदिर में ले जाया जाएगा। संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि दो अगस्त को ‘नाग-पंचमी’ के शुभ अवसर पर यहां दशनामी अखाड़े में छड़ी-पूजन करने के बाद 12 अगस्त को ‘श्रावण-पूर्णिमा’ पर पवित्र गदा को पवित्र अमरनाथ गुफा में ले जाएंगे।
इन जगहों पर होगा रात्रि विश्राम
महंत के मुताबिक 7 और 8 अगस्त को पहलगाम, नौ अगस्त को चंदनवाड़ी, 10 अगस्त को शेषनाग और 11 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम होगा। गिरि ने सरकार से भगवान शिव की पवित्र गदा की इस यात्रा के साथ जाने वाले साधुओं और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था करने और उचित उपाय करने का आग्रह किया है।
43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को दोनों आधार शिविरों- दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में नुनवान-पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल मार्ग से शुरू हुई। यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी।