Amarnaath Yaatra: कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच आज शनिवार 1 जुलाई को अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई। बाबा बर्फ़ानी की यात्रा का पहला जत्था पवित्र गुफा के तरफ़ नुनवान बेस कैम्प से रवाना हो गया। बेस कैंप से 1997 यात्रियों ने पैदल चढ़ाई शुरू की जो पहलगाम के पारंपरिक रास्ते से दो दिनों तक पैदल चढ़ाई कर बाबा की गुफा पहुंचेंगे और बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
इसी मार्ग से माता पार्वती के साथ अमरनाथ गुफा गए थे भगवान शंकर
माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ पहलगाम के रास्ते से ही माता पार्वती के साथ अमरनाथ गुफा गये थे। तब से इस रास्ते को काफ़ी शुभ माना जाता है। हालांकि इस रास्ते से 32 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई रहती है। नुनवान बेस कैंप से निकलकर पहला पड़ाव चंदनवाड़ी होगा। यहां से महागुणस टॉप फिर शेषनाग और फिर पंजतरनी में यह यात्रा बालटाल से चढ़ाई कर रहे यात्रियों से मिलेंगे।
प्रशासन ने यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं की
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रा को लेकर सभी व्यवस्थाएं की हैं। सुरक्षा से लेकर खाने-पीने तक हर बात का पूरा ख्याल रखा गया है। यात्रा के दौरान कई बार मौसम बिगड़ जाता है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने तमाम तैयारियां की हुई हैं। नुनवान बेस कैम्प से यात्रियों को अनंतनाग के वन ओ वन डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर सैयद फ़ख़रूदीन ने यात्रियों को रवाना किया। बता दें कि अब तक 3 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
हेलमेट पहनना जरूरी, श्राइन बोर्ड की तरफ से मुफ्त सुविधा
अमरनाथ यात्रा को इस बार टोबैको फ्री घोषित किया गया है मतलब ये कि बालटाल और पहलगाम रूट पर अब तंबाकू या तंबाकू से बने दूसरे प्रोडक्ट नहीं बिकेंगे। पहली बार यात्रा के दौरान भूस्खलन वाली जगहों से गुजरते वक्त पत्थरों से बचने के लिए श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। श्रद्धालु शनिवार को पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर बढ़ेंगे। बालटाल रूट पर लगभग ढाई-तीन किलोमीटर के टुकड़े में यात्रियों को हेलमेट पहनकर जाना होगा। यह सुविधा श्राइन बोर्ड की ओर से निशुल्क दी जाएगी। बालटाल रूट से जाने वाला जत्था शनिवार को ही हिमलिंग के दर्शन करके लौट आएगा।
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