Highlights
- अधिकारियों के मुताबिक 3,000 से ज्यादा तीर्थयात्री जम्मू पहुंचे हैं
- श्रद्धालुओं का पहला जत्था ऑफिशियल घोषणा के एक दिन पहले कश्मीर आधार शिविर के लिए रवाना होगा
- सरकार ने इस साल सुरक्षा के मद्देनजर RFID सिस्टम किया है शुरू
Amarnath Yatra: ‘जय बाबा बर्फानी की’ जैसे कई जयकारों के साथ सैकड़ों उत्साही श्रद्धालु मंगलवार को आतंकी खतरों की आशंका के बावजूद अमरानथ यात्रा के लिए जम्मू के आधार शिविर पहुंचे। कड़ी सुरक्षा के बीच आए ये श्रद्धालु दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के लिए बुधवार को यात्रा शुरू करेंगे। श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा और सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया।अधिकारियों ने बताया कि जम्मू शहर में 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके बीच जम्मू आधार शिविर, रहने के स्थान और पंजीकरण और टोकन केंद्रों के आसपास मल्टी लेवल सुरक्षा व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं में शामिल लखनऊ के विनय कुमार ने कहा, ‘‘न चिंता न भय, बाबा अमरनाथ जी की जय।’’
बाबा बर्फानी और सुरक्षा बलों पर श्रद्धालुओं ने जताया पूरा विश्वास
लखनऊ से आए 12 सदस्यीय समूह में शामिल विनय ने यथा संभव सर्वोत्तम व्यवस्था के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें भगवान शिव और सुरक्षा बलों पर पूर्ण विश्वास है। अपने परिवार के सात अन्य सदस्यों के साथ यहां मौजूद बेंगलुरु निवासी उपमिता ने कहा कि आधार शिविर पहुंचने के तुरंत बाद उनका डर गायब हो गया। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) कश्मीर से 30 जून को शुरू होने वाली तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए सभी दिक्कतों को दूर कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि 3,000 से अधिक तीर्थयात्री जम्मू पहुंचे हैं और उन्हें आधार शिविर और विभिन्न आवास केंद्रों में रखा गया है। तकरीबन 400 साधु भी यात्रा के लिए राम मंदिर शिविर आए हैं। साधु समेत श्रद्धालुओं का पहला जत्था यात्रा की ऑफिशियल घोषणा के एक दिन पहले कश्मीर स्थित आधार शिविर के लिए रवाना होगा। यात्रा का समापन परंपरा के मुताबिक रक्षा बंधन के दिन 11 अगस्त को होगा।
यात्रा के लिए अब तक करीब तीन लाख लोगों करा चुके हैं पंजीकरण
यात्रा की शुरुआत 30 जून से परंपरा के मुताबिक दोहरे मार्ग से होगी, एक मार्ग दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 48 किलोमीटर लंबा नूनवान है। वहीं दूसरा मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है। दक्षिण भारत के रहने वाले कार्तिकेश्वर राम ने कहा, ‘‘हम पिछले 15 वर्षों से नियमित रूप से गुफा मंदिर में प्रार्थना करते आए हैं। इस साल भी मैं मानव जाति की शांति और समृद्धि के लिए जा रहा हूं।” सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां आधार शिविर का दौरा किया और अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा सुचारु रूप से सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल सतर्क हैं। सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोग आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब तीन लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। सरकार ने इस साल तीर्थयात्रियों के लिए एक रेडियो आवृत्ति सत्यापन (RFID) सिस्टम शुरू किया है। इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके।