Highlights
- यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुआ है
- पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है
- अब तक 23 लाख से अधिक लोग कर चुके हैं दर्शन
Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से ही बारिश का दौर रुक रुककर बना हुआ है। शुरुआत में आई प्राकृतिक आपदा के बाद कई बार ऐसा हुआ है बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को रोकना पड़ा है। इसी कड़ी में एक बार फिर लगातार हो रही वर्षा और भूस्खलन की वजह से अमरनाथ यात्रा को एक बार फिर रोकना पड़ा है। यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुआ है। इसके बाद यह कदम उठाया गया। लगातार भारी बारिश के बाद एहतियात के तौर पर पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। रामबन के बनिहाल इलाके में दो जगहों पर भूस्खलन हुआ है। इसके बाद जम्मू.श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया गया है। पहाड़ों से पत्थर गिरने की वजह से जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का जत्था रामबन के चद्रंकोट में एहतियातन रोक दी गई है। राहत और बचाव टीमों को रास्ता साफ करने में लगाया गया है।
अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि पहाड़ों से पत्थर गिरने के वजह से रामबन के मेहड में एनएच.44 पर ट्रैफिक रोक दिया गया। पुलिस का कहना है कि जब तक अनुमति नहीं मिल जाती है, तब तक श्रद्धालुओं को आगे नहीं बढ़ना चाहिए। इससे पहले मंगलवार के दिन भी अमरनाथ की पवित्र गुफा के आसपास पहाड़ों पर भारी बरसात हुई थी। हालत यह थी कि बाढ़ की स्थिति बन गई थी। कई इलाकों में पहाड़ों से तेज गति से पानी नीचे की ओर आने लगा। तब प्रशासन ने आनन फानन में यात्रियों को अलर्ट किया और वहां से बाहर निकाला। वहां से निकालकर लोगों को पंजतरणी कैंप में पहुंचाया। अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान जान.माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। बताया जाता है कि करीब 4 हजार यात्रियों को वहां से निकाला गया है। जब भारी बारिश के कारण पानी अचानक बढ़ने लगा था तो 8 जुलाई की यादें ताजा हो गई थीं।
उधर, कड़ी सुरक्षा के बीच केवल 1,147 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बुधवार को सुबह रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पवित्र गुफा के दर्शन के लिए सोमवार को 3,862 और मंगलवार को 2,189 तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ;सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच 47 वाहनों में तीर्थयात्रियों का 26वां जत्था भगवती नगर यात्री निवास से बुधवार को सुबह रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि बालटाल आधार शिविर के लिए जाने वाले 476 तीर्थयात्री 18 वाहनों में सबसे पहले रवाना हुए।
अब तक 23 लाख से अधिक लोग कर चुके हैं दर्शन
इसके बाद कश्मीर में पहलगाम शिविर के लिए 671 तीर्थयात्रियों को लेकर 29 वाहनों का दूसरा काफिला रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण पिछले तीन दिन में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 2ण्3 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
11 अगस्त को समाप्त होगी यात्रा
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 43 दिन की वार्षिक यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। यात्रा के दौरान अभी तक 36 लोगों की विभिन्न वजहों से मौत हो चुकी है। इनके अलावा आठ जुलाई को गुफा मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी। हालही में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की वजह से यात्रा रोक दी गई थी। जिसके बाद यात्रा 11 जुलाई को पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू हुई थी। गुफा के पास बादल फटने के बाद बालटाल में आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई थी।