Highlights
- अमरनाथ की गुफा के पास बारिश से बाढ़
- इससे पहले यहां बादल फटने की घटना हुई
- बादल फटने से 15 लोगों की हो गई थी मौत
Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ (Amarnath) में आज मंगलवार को भारी बारिश ने एक बार फिर श्रद्धालुओं की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। अमरनाथ की गुफा (Amarnath Cave) के आस-पास भारी बारिश से बाढ़ आ गई। गुफा के आस-पास पहाड़ों में बारिश के चलते आज दोपहर करीब 3 बजे जलाशयों और आस-पास के झरनों में बाढ़ आ गई। तत्काल अलर्ट जारी किया गया। अब तक 4,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। स्थिति नियंत्रण में है। गुफा क्षेत्र से यात्रियों को पंचतरणी में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
इससे पहले 8 जुलाई को अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटा था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। 8 जुलाई को शाम करीब 5:30 बजे बादल फटने की खबर मिली थी, जिसमें गुफा के पास बने कई तंबू तबाह हो गए थे।
श्रद्धालुओं का 25वां जत्था जम्मू से रवाना
वहीं, जम्मू स्थित आधार शिविर से 3,800 से अधिक तीर्थयात्रियों का 25वां जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए सोमवार को पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को 125 वाहनों के काफिले में कुल 3,862 तीर्थयात्री यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए।
उन्होंने बताया कि पहले 46 वाहनों में 1,835 तीर्थयात्री बालटाल के लिए भगवती नगर शिविर से रवाना हुए और इसके बाद 79 वाहनों में 2,027 यात्री पहलगाम रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 2.25 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बने हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
यात्रा 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर होगी समाप्त
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 43 दिन की वार्षिक यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। अभी तक 135,585 तीर्थयात्री भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हो चुके हैं। यात्रा 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर समाप्त होगी। यात्रा के दौरान अभी तक 36 लोगों की विभिन्न वजहों से मौत हो चुकी है। इनके अलावा 8 जुलाई को गुफा मंदिर के पास बादल फटा था, जिसमें 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी।