Highlights
- बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 1,147 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था हुआ रवाना
- सोमवार को 3,862 और मंगलवार को 2,189 तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना हुआ था
- अभी तक 2.3 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी का कर चुके हैं दर्शन
Amarnath Yatra 2022: कड़ी सुरक्षा के बीच केवल 1,147 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बुधवार को सुबह रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि पवित्र गुफा के दर्शन के लिए सोमवार को 3,862 और मंगलवार को 2,189 तीर्थयात्रियों का जत्था रवाना हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच 47 वाहनों में तीर्थयात्रियों का 26वां जत्था भगवती नगर यात्री निवास से बुधवार को सुबह रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि बालटाल आधार शिविर के लिए जाने वाले 476 तीर्थयात्री 18 वाहनों में सबसे पहले रवाना हुए।
अब तक 2.3 लाख से अधिक लोग कर चुके हैं दर्शन
इसके बाद कश्मीर में पहलगाम शिविर के लिए 671 तीर्थयात्रियों को लेकर 29 वाहनों का दूसरा काफिला रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण पिछले तीन दिन में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 2.3 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
11 अगस्त को समाप्त होगी यात्रा
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 43 दिन की वार्षिक यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। यात्रा के दौरान अभी तक 36 लोगों की विभिन्न वजहों से मौत हो चुकी है। इनके अलावा आठ जुलाई को गुफा मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ में 15 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी। अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी। हालही में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की वजह से यात्रा रोक दी गई थी। जिसके बाद यात्रा 11 जुलाई को पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू हुई थी। गुफा के पास बादल फटने के बाद बालटाल में आई बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई थी।