Highlights
- 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियां तेज़
- फिसलन वाले इलाकों में बचाव दल की तैनाती
- संवेदनशील स्थानों और आधार शिविरों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश
Amarnath yatra 2022: अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। इस बार यात्रा 43 दिनों तक चलेगी। अब समय बहुत कम बचा है इसलिए तैयारियां तेज हो गई हैं। दो साल बाद हो रही यात्रा को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह है। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मदद के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बचाव दल तैनात किए जाएंगे। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि रामबन की पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा की अध्यक्षता में हुई एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में राजमार्ग पर, खासकर फिसलन वाले इलाकों में बचाव दल तैनात करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि यह भी निर्णय लिया गया है कि पर्याप्त श्रम बल पहले से ही तैनात किया जाएगा, ताकि आधार शिविरों और यात्रा मार्गों को जल्द से जल्द सुरक्षित बनाया जा सके और उनकी जांच की जा सके।
संवेदनशील स्थानों और आधार शिविरों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश
कुल 43 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा दो मार्गों (दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के नुनवान में पारंपरिक 48 किलोमीटर का मार्ग और मध्य कश्मीर में गांदेरबल के बालटाल में 14 किलोमीटर का मार्ग) से 30 जून को शुरू होगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल तक अमरनाथ यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था। शर्मा ने अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखते हुए संवेदनशील स्थानों और आधार शिविरों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है।
सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह कर चुके हैं समीक्षा
बता दें, साल 2020 और 2021 में कोरोना महामारी की वजह से यात्रा नहीं हो पाई थी। 2019 में, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले यात्रा को रोक दिया गया था। जम्मू-कश्मीर में हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद अमरनाथ यात्रा अहम सुरक्षा चुनौती है। इससे पहले आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया था। पत्र में लिखा गया था कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा को लेकर समीक्षा की थी।