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अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी जेल से रिहा, कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा खत्म

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में जेल की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को जेल से रिहा कर दिया गया है। बता दें कि मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

Edited By: Avinash Rai
Published on: August 25, 2023 22:26 IST
Amarmani Tripathi and his wife released from jail serving sentence in poetess Madhumita Shukla murde- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मधुमिता शुक्ला और अमरमणि त्रिपाठी

कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को शुक्रवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया। उत्तर प्रदेश शासन के कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने बृहस्पतिवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था। अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और जेल में अच्छे आचरण का जिक्र किया था। अमरमणि की उम्र 66 वर्ष है और मधुमणि 61 वर्ष की हैं और इन दोनों ने सोलह साल की सजा पूरी कर ली है। 

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अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को मिली रिहाई

त्रिपाठी दंपति बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती है। गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया। कुशवाहा ने बताया कि अमरमणि को 25-25 लाख के दो मुचलकों और मधुमणि को 25-25 लाख के दो मुचलकों पर रिहा किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों अब भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही हैं इस पर कुशवाहा ने कहा कि ‘‘जेल से वे रिहा हो गये हैं अब वे कही भी रहें।’’ शाम करीब 7.14 बजे कुशवाहा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। उनके साथ अमरमणि और मधुमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी भी थे। 

फिलहाल अस्पताल में रहेंगे त्रिपाठी दंपत्ति

कुशवाह ने वहां पत्रकारों को बताया कि अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी दोनों को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया है । इस बीच, दंपति के बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके माता-पिता बीआरडी मेडिकल कालेज में चिकित्सकों की निगरानी में हैं और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अमनमणि त्रिपाठी ने कहा, दोनों (अमरमणि और मधुमणि) फिलहाल अस्पताल में ही रहेंगे। अमनमणि ने कहा, "मेरे माता-पिता बहुत बीमार हैं और वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं, इसलिए डॉक्टरों की सहमति से उन्हें घर ले जाया जाएगा।" 

अमरमणि त्रिपाठी की बेटी ने जताई खुशी

महराजगंज जिले के नौतनवा में अमरमणि त्रिपाठी के कार्यालय के बाहर उनके समर्थकों ने पटाखे फोड़े। अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनु ने रिहाई पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "मेरे माता-पिता बाहर आ रहे हैं, इस एहसास को शब्दों में व्यक्त कर पाना मुश्किल है। वे दोनों बूढ़े हैं और बीमार हैं। मेरे माता-पिता को मधुमेह है।’’ महराजगंज जिले की लक्ष्‍मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्‍याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों में 1996 से 2002 तक मंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह समाजवादी पार्टी (सपा) में थे और फिर वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चले गये। अमरमणि बसपा सरकार में भी मंत्री रहे हैं । 

सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगाने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवयित्री की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा। इस कानूनी लड़ाई में सबसे आगे रहीं मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने कहा था कि उन्होंने रिहाई के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और उन्हें अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा है। 

क्या बोली मधुमिता शुक्ला की बहन

निधि शुक्ला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने आरटीआई (सूचना का अधिकार) के माध्यम से दस्तावेज हासिल किए हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों ने जेल की सजा का 62 फीसदी हिस्सा जेल से बाहर बिताया है। मैंने सभी जिम्मेदार व्यक्तियों को दस्तावेज सौंप दिए हैं और बताया कि 2012 से 2023 के बीच वे जेल में नहीं थे। लंबी लड़ाई के बाद राज्य सूचना आयोग के माध्यम से मुझे जो सरकारी दस्तावेज मिले हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं।’’ शुक्‍ला ने कहा कि समय से पहले रिहाई पाने के लिए त्रिपाठी दंपति ने अधिकारियों को गुमराह किया है और इसी आधार पर हमने दंपति की रिहाई के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है। 

मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर की गई थी हत्या

कवयित्री मधुमिता की नौ मई, 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर, 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिनके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे। इस मामले की जांच केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) को दी गयी थी। देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में मधुमिता की हत्या के लिए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी दंपति की सजा को बरकरार रखा था।

(इनपुट-भाषा)

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