नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश से एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां एक शख्स ने अपनी मंगेतर से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद रेप के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपी को जेल में भेज दिया गया। इसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कोर्ट में कहा कि लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष है, इसलिए आरोपी ने शादी करने से इनकार किया था।
इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 23 मई को आदेश दिया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग के एचओडी को 10 दिन के अंदर महिला की कुंडली जांच कर ये बताने का निर्देश दिया कि वो मांगलिक है या नहीं। इस मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर हैरानी भी जताई।
जानिये क्या है पूरा मामला?
मामला लखनऊ के चिनहट इलाके का है। यहां एक लड़की ने आरोप लगाया कि गोविंद राय उर्फ मोनू नाम के शख्स ने उसके साथ शादी का झांसा देकर अपने जाल में फंसाया और उनके साथ यौन संबंध बनाए। FIR के अनुसार, आरोपी और महिला की शादी परिवार की रजामंदी से तय हुई थी। इस बीच महिला के पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट पर आरोपी की जमानत पर बहस करते हुए उसके वकील ने कहा कि आरोपी के पुरोहित की राय में लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष है।
10 दिन में कुंडली की करनी थी जांच
हाई कोर्ट के जज बृज राज सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 23 मई को आदेश दिया कि आरोपी ने लड़की से शादी का झूठा वादा किया था। इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग के एचओडी को 10 दिन के अंदर महिला की कुंडली जांच कर ये बताने का निर्देश दिया कि वो मांगलिक है या नहीं। इस मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी।