श्रीनगर: सामाजिक कार्यकर्ता, इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) लद्दाख को 'बचाने' के लिए आज से 5 दिन के उपवास पर बैठ रहे हैं। बता दें कि बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म '3 इडियट्स' में आमिर खान ने रणछोड़दास चांचड़ उर्फ ‘रैंचो’ के जिस किरदार को निभाया था, वह सोनम वांगचुक से ही प्रेरित था। इस फिल्म का 'ऑल इज वेल' डायलॉग काफी मशहूर हुआ था, लेकिन आज सोनम वांगचुक कह रहे हैं कि ‘ऑल इज नॉट वेल इन लद्दाख’ यानी कि लद्दाख में सबकुछ ठीक नहीं है।
‘लद्दाख के हालात ठीक नहीं’
बता दें कि मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक ने हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक वीडियो संदेश पोस्ट किया था जिसमें कहा गया था कि लद्दाख के हालात ठीक नहीं हैं क्योंकि स्टडी में दावा किया गया है कि यहां के लगभग दो तिहाई ग्लेशियर विलुप्त होने की कगार पर हैं। सोनम वीडियो में लद्दाख की जनजातियों, उद्योगों और ग्लेशियर की बात करते दिख रहे हैं। वीडियो क्लिप में वांगचुक ने भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
‘बच गया तो फिर मिलूंगा’
अपने इस वीडियो में सोनम वांगचुक ने यह भी कहा कि वह 26 जनवरी से 5 दिनों के लिए सांकेतिक उपवास करेंगे, ताकि इस मुद्दे को उठाया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि अगर -40 डिग्री टेम्प्रेचर वाले खार्दुंगला में अनशन के बाद मैं बच गया तो आपसे फिर मिलूंगा। वांगचुक ने ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की।
‘लद्दाख छठी अनुसूची में क्यों नहीं?’
वांगचुक ने छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि छठी अनुसूची में कहा गया है कि अगर किसी इलाके की 50 फीसदी आबादी जनजाति हो तो उसे अनुसूची 6 में शामिल किया जाएगा, लेकिन लद्दाख में जनजाति 95 फीसदी है, फिर भी उसे अब तक अनुसूची में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भरोसा दिलाया था कि लद्दाख की विरासत को संरक्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने लद्दाख के लोगों की छठी अनुसूची में शामिल होने की इच्छा को लद्दाख के मन की बात कहा।
‘लद्दाख के लोग हैरान हैं’
वीडियो क्लिप में वह 2020 के लद्दाख हिल काउंसिल चुनावों के बारे में भी बात करते हैं जिसे बीजेपी ने जीता था। वह कहते हैं कि लद्दाख के लोग हैरान हैं कि सरकार इस मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने लद्दाख में बिजनस ग्रोथ के साथ आने वाली दिक्कतों के बारे में अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे पानी सहित सीमित संसाधनों पर और बोझ बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि खनन और इस तरह की गतिविधियां ग्लेशियरों को पिघला सकती हैं।