Highlights
- अमेरिका ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रखे
- अफगानिस्तान में सीआईए ने अल-जवाहिरी को मारा
- भारत के भी ऐसे ही कई दुश्मन खुलेआम घूम रहे हैं
Al-Zawahiri: "भले ही कितना ही समय लग जाए, भले ही तुम कहीं भी छिपे हों, अगर तुम हमारे लोगों के लिए खतरा हो तो अमेरिका तुम्हें ढूंढेगा और तुम्हारा खात्मा करेगा..." ये शब्द अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हैं। उन्होंने व्हाइट हाउस में घोषणा करते हुए ये बातें उस वक्त गर्व के साथ कहीं, जब वो अमेरिका के एक ऑपरेशन के बारे में बता रहे थे। जिसके तहत अफगानिस्तान के काबुल में अल-कायदा का सरगना अल-जवाहिरी मारा गया है। वह 9/11 हमले की साजिश रचने वालों में से एक था। इस हमले में करीब 3000 अमेरिकी नागरिक मारे गए थे। हमला तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में हुआ था।
इस घातक हमले के बाद अमेरिका में कई सरकारें आईं और कई गईं, राष्ट्रपति भी बदलते रहे, लेकिन इस देश ने आतंकियों के खात्मे का अपना अभियान जारी रखा। चाहे बात ओसामा बिन लादेन की करें या अल-जवाहिरी की, अमेरिका अपने दुश्मनों को चुन-चुनकर एक-एक कर मार रहा है। लेकिन हमारे भारत के भी कई ऐसे ही दुश्मन हैं, जो खुले घूम रहे हैं। क्या ये कभी इसी तरह मारे जाएंगे? इनमें हाफिज सईज, मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन जैसे नाम प्रमुख हैं। चलिए जान लेते हैं कि ये कौन से हमलों के लिए जिम्म्दार हैं।
हाफिज सईद
लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद मुंबई पर हुए 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है। वह दुनिया के टॉप पांच आतंकियों में शामिल है। 72 साल का हाफिज आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। अमेरिका ने उसके सिर पर 80 करोड़ रुपये का ईनाम रखा है। सईद को 2008 में वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था। उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा में हुआ था और बंटवारे से पहले उसका परिवार शिमला में रहता था। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि इस आदमी के पास दो मास्टर्स डिग्री हैं। और वह लाहौर के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ा भी चुका है। इसके अलावा हाफिज सईद ने सऊदी अरब में एक छात्र के तौर पर गोल्ड मेडल हासिल किया है।
मौलाना मसूद अजहर
भारत के सबसे बड़े दुश्मनों की लिस्ट में जिसका नाम सबसे ऊपर है, वह और कोई नहीं बल्कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर है। वह इस आतंकी संगठन का संस्थापक भी है। उसे पाकिस्तान की सरकार ने हमेशा से ही पूरा सपोर्ट दिया है। वह पाकिस्तान की तरफ से भारत में आतंकी हमले कराता रहा है। इसके साथ ही अपने जहरीले भाषणों से कश्मीर में अशांति लाने की लगातार कोशिश करता है। उसे भारत ने कश्मीर से गिरफ्तार भी किया था। 1999 की बात है, जब जम्मू की कोट भलवाल जेल से अजहर को भगाने के लिए बकायदा सुरंग खोदी गई थी लेकिन वह अपने अधिक वजन की वजह से सुरंग से बाहर नहीं निकल सका। लेकिन फिर इसी साल (1999) कंधार में विमान हाईजैक हो गया। जिसे छुड़ाने और यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ना पड़ा।
दाऊद इब्राहिम
1993 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों का जिम्मेदार दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक है। सरकार हर साल दाऊद को पकड़कर भारत लाने और उसके पाकिस्तान में छिपे होने का दावा करती है। लेकिन इस वक्त सभी ये बात जानते हैं कि उसे अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। जानकारी के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान के साथ मिलकर मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने की साजिश रची थी। वह इस हमले से तीन साल पहले 1990 में मुंबई से पाकिस्तान चला गया था।
वह देश से बाहर रहकर आतंकी गतिविधियों और दूसरे अपराधों को अंजाम दे रहा था। दाऊद इब्राहिम ने केवल 19 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। वहीं साल 2008 में अमेरिका और भारत ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था।
सैयद सलाहुद्दीन
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन कश्मीर घाटी से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है। उसका असली नाम सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह है। पाकिस्तान में उसकी सुरक्षा में आईएसआई के कमांडो और आतंकी दस्ते तैनात रहते हैं। उसे सुरक्षा सहित तमाम सुविधाएं देने का काम पाकिस्तान की सेना के अफसर और खुफिया एजेंसी के अधिकारी करते हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन से पहले वह एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष था। उसे भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 'आतंकी' घोषित किया था। उसने 2021 में भारत के खिलाफ धमकी भरा ऑडियो जारी किया था।
सलाहुद्दीन कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काता है। वह पाकिस्तान से पैसा लेकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। वह खुद को बम से उड़ाने वाले आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग देने में एक्सपर्ट है। ये आतंकी काफी पढ़ा लिखा भी है। उसने यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई की है। इसी दौरान वो जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित हुआ और उसकी जम्मू कश्मीर ब्रांच का सदस्य बन गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मदरसे में इस्लामी शिक्षक बना।
भटकल ब्रदर्स
भारत के दुश्मनों की लिस्ट में रियाज भटकल (जिसे रियाज इस्माइल शाहबंद्री के नाम से भी जाना जाता है) और उसका भाई मोहम्मद इकबाल (इकबाल भटकर) भी शामिल हैं। रियाज इंडियन मुजाहिद्दीन का संस्थापक है। ये दोनों ही भाई 2010 में जर्मन बेकरी, इसी साल हुए चिन्ना स्वामी स्टेडियम विस्फोट, जामा मस्जिद धमाका, शीतलाघाट धमाका और मुंबई में 2011 के हमले समेत कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने फरवरी 2013 में हैदराबाद बम धमाकों के लिए इन दोनों को मौत की सजा सुनाई थी। इन दोनों का भाई यासीन भटकल भी एक आतंकी है। वह भेष बदलकर खुद को छिपाने, बम बनाने और स्लीपर सेल तैयार करने में माहिर है। यासीन भटकल 2013 में गिरफ्तार हो गया था लेकिन उसे अभी तक फांसी नहीं दी गई है।