अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से पहले इंटेलिजेंस एजेंसी ने सहयोगी एजेंसियों के साथ अल-कायदा की आतंकवादी गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा की है, सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी ने इनपुट साझा करते समय आतंकियों की एक हैंडबुक का भी ज़िक्र किया है जिसका नाम 'लोन मुजाहिद पॉकेटबुक' है। सूत्रों ने यह भी बताया की इस हैंड बुक के माध्यम से संभावित लोन-वुल्फ हमलों के लिए भारत के युवाओं को गुमराह कर उन्हें रेडिकल करने के लिए आतंकी संगठन आईएसआईएस ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से साझा की है।
लोन-वुल्फ हमले का इनपुट
खूफिया एजेंसी को हाल ही में संभावित लोन-वुल्फ हमले के खतरों का खुफिया इनपुट प्राप्त हुआ है। एजेंसियों का मानना है कि 22 जनवरी को अयोध्या में लाखों की संख्या में लोगों इकट्ठा होंगे, और ऐसे में इस तरह के इनपुट मिलने से एजेंसियां और भी ज़्यादा सतर्क हो गई हैं। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की खुफिया जानकारी से पता चला है कि अबू मोहम्मद नाम का एक संदिग्ध है जो की आईएसआईएस हैंडलर है। उसने इंस्टाग्राम चैनल पर 'लोन मुजाहिद पॉकेटबुक' नाम की एक बुक को लोगों तक पहुंचाया। इस बुक के माध्यम से उसका उद्देश्य है की जिहाद को अंजाम देना और 'काफिरों' को खत्म करना है।
बुक में दी गई ट्रेनिंग
इस बुक में खड़े किए गए वाहनों को आग लगाने, सड़क दुर्घटनाओं को अंजाम देना, इमारतों को ध्वस्त करने और आईईडी और रिमोट कंट्रोल विस्फोटों के साथ घातक विस्फोटक तैयार करने सहित भयावह तरीकों का विस्तृत विवरण दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया की अल-कायदा 'लोन मुजाहिद पॉकेटबुक' पहली बार 2013 में पब्लिश हुआ था और इसके बाद से अल-कायदा ने ऑनलाइन प्रचार के माध्यम से लोन-वुल्फ आतंक को सुविधाजनक बनाने के इरादे से इसके कई एडिशन पब्लिश किए।
पश्चिमी देशों में दिखा असर
इस पॉकेटबुक में जो कुछ लिखा है उससे कोई भी शख़्स बम बना सकता है या समाज में अशांति फैला सकता है। इस बुक का उद्देश्य है की जो भी रेडिकल माइंडसेट के लोग हैं, ख़ासकर लोन वुल्फ उसे मदद मिल सके। पश्चिमी देशों में इस किताब के पन्ने, या पॉकेटबुक के आर्टिकल को साझा करने वाले एजेंसियों की राडार पर आ जाते हैं। इस पॉकेटबुक की मदद से, अल-कायदा ने युवाओं को पश्चिमी देशों के भीतर छोटे आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए सफलतापूर्वक उकसाया और प्रेरित किया है।
तीन संदिग्ध हिरासत में
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के हाई प्रोफाइल कार्यक्रम को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चेकिंग अभियान चलाया गया है। इस दौरान यूपी-एटीएस ने अयोध्या जिले से तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। यूपी के डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया है कि इन संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। अभी तक इनका किसी आतंकी संगठन से कनेक्शन सामने नहीं आया है।
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