समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को मिडिल क्लास के लिए एक और झटका बताया है, जो पहले से ही बढ़ती कीमतों के बोझ से जूझ रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सिर्फ गैस कंपनियों के मुनाफे में इजाफा करती नजर आ रही है।
'रसोई-बजट अस्त-व्यस्त हो गया है'
अखिलेश ने कहा, "खाद्यान्न और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी का रसोई-बजट अस्त-व्यस्त हो गया है। अब होली के त्योहार से ठीक पहले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के लिए 50 रुपये और व्यावसायिक रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 350 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।" अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार की ओर से बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी चिंता का विषय है।
'मूल्य बढ़ोतरी को रोकने में भी विफल'
उन्होंने कहा कि बीजेपी न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग की आय और आय बढ़ाने के लिए कदम उठाने में विफल रही है, बल्कि मूल्य बढ़ोतरी को रोकने में भी बुरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की दरों में 200 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इससे पता चलता है कि बीजेपी को गरीबों और मध्यम वर्ग की परवाह नहीं है और इसके विपरीत केवल तेल कंपनियों को अपना मुनाफा बढ़ाने में मदद करती है।
'बिजली दरों में 23 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव'
अखिलेश यादव ने कहा कि बिजली दरों में 23 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है, जो मध्यम वर्ग के लिए एक और करारा झटका होगा। यह बिजली कंपनियों के दबाव में और बड़े व्यावसायिक घरानों को खुश रखने के लिए किया जा रहा है।
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