भारतीय एयरलाइन्स कंपनियों को पिछले दिनों बम की कई झूठी धमकियां मिलीं। इस मामले पर विमानन सुरक्षा निकाय ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में एयरलाइन्स कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। बैठक के दौरान एयरलाइन प्रतिनिधियों ने बीसीएएस महानिदेशक जुल्फिकार हसन के साथ फर्जी बम धमकियों के कारण सामने आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई। एयरलाइंस कंपनियों ने उन्हें यह भी बताया कि त्यौहारी सीजन के दौरान सुरक्षा संबंधी मुद्दों के कारण हवाई अड्डों पर भीड़भाड़ हो रही है।
दिशा-निर्देशों को पालन करने का आदेश
बीसीएएस महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने एयरलाइंस कंपनियों को सुरक्षा और संरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। बीसीएएस अधिकारियों ने एयरलाइंस प्रतिनिधियों को यह भी आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे के मूल कारण का पता लगाने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं।
खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत
बैठक के बाद हसन ने बताया कि ऐसे खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत हैं। यात्रियों को बिना किसी डर के उड़ान भरनी चाहिए। हसन ने कहा, 'भारतीय हवाई क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है। मौजूदा प्रोटोकॉल (स्थिति से निपटने के लिए) मजबूत है। इसका सख्ती से पालन किया जा रहा है।'
6 दिनों में एयरलाइंस को 70 झूठी धमकियां
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय एयरलाइन्स द्वारा संचालित लगभग 70 उड़ानों को बम की झूठी धमकी मिली है। फर्जी धमकियों के कारण कई उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया, जबकि कुछ एयरलाइनों को अपने सभी यात्रियों की पुनः जांच करने के लिए बाध्य होना पड़ा, जिससे बड़ी असुविधा और देरी हुई।
करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान
भारतीय एयरलाइन्स कम्पनियों के खिलाफ इस प्रकार की धमकियों के कारण बड़ी वित्तीय हानि भी हुई है। एयरलाइन्स अधिकारियों का अनुमान है कि उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।
एजेंसियां मामले की कर रहीं जांच
इस सप्ताह के आरंभ में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां एयरलाइनों के खिलाफ बम की धमकी के सभी मामलों की सक्रियता से जांच कर रही हैं। सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
फ्लाइट में तैनात किए जाएंगे मार्शल
वहीं, केंद्र सरकार उड़ानों में एयर मार्शलों की तैनाती बढ़ाने की भी योजना बना रही है, जबकि जांच एजेंसियां इस बात की जांच करेंगी कि चेतावनियों में कोई पैटर्न तो नहीं है।