Highlights
- भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर 169 अतिरिक्त टिकट ऑफिस मशीनें लगाई गई
- यात्रियों की मदद के लिए 65 स्पेशल अफसरों की तैनाती
- इन अवधियों में रहती है यात्रियों की ज्यादा भीड़
Airlines News: एयरलाइंस अब बिना किसी प्रतिबंध के हवाई टिकट के दाम तय कर सकेंगी। दरअसर, सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान एयर फेयर कैप लगाया था, जिसे अब वह पूरी तरह से हटाने जा रही है। एयरफेयर की ऊपरी और निचली दोनों लिमिट को हटाया जा रहा है। यह बदलाव 31 अगस्त से ये लागू हो जाएगा। फेयर कैप वर्तमान में 15 दिनों के साइकिल में रोलिंग बेसिस पर लागू है। यानी बुकिंग की तारीख से 15 दिनों की अवधि के बाद की टिकटों की कीमतें निर्धारित करने के लिए एयरलाइंस स्वतंत्र हैं।
मई 2020 में लगा था प्राइस कैप
कोरोना के कारण दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को सर्विसेज फिर से शुरू होने पर एविएशन मिनिस्ट्री ने फ्लाइट ड्यूरेशन के आधार पर एयर फेयर पर लोअर और अपर लिमिट लगा दी थी।
क्या होता है प्राइस कैप?
15 दिन के कैप को एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए 5 दिन बाद आपको अहमदाबाद से मुंबई जाना हो, तो उसे अकासा एयर फ्लाइट के लिए करीब 4 हजार 200 रुपए देना होंगे। टिकट की ये दर आज की डेट से 14 दिनों तक लगभग इतना ही है। हालांकि जैसे ही आप 25 तारीख (15वें दिन) का किराया देखेंगे तो ये लगभग आधा है। यानी 2100 रुपए में आपको टिकट मिल जाएगा। यानी एयरलाइन ग्राहकों को सस्ता टिकट ऑफर करना चाहती है, लेकिन प्राइस कैप के कारण वो ऐसा नहीं कर पा रही। उसे इसके लिए 15 दिनों का इंतजार करना पड़ता है।
टिकटों में छूट दे सकती हैं एयरलाइंस
एयरलांस से एयरफेयर कैप हटाने के निर्णय से स्पाइसजेट, एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा और नई एयरलाइन अकासा सहित अन्य को काफी राहत मिलेगी। दरअसल, भारत में डोमिस्टक एयर ट्रेवल में स्ट्रांग बाउंड दिखाई दे रहा है। यात्रियों की संख्या कोरोना के पहले जैसी स्थिति में पहुंच रही है।
इससे एयरलाइंस की कमाई बढ़ी है। यह सब यात्रियों के लिए पॉजिटिव है। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए एयरलाइंस टिकट की दरों में छूट दे सकती हैं।
फ्यूल डिमांड एनालिसिस के बाद फैसला
सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयर टर्बाइन फ्यूल की डेली डिमांड और कीमतों का सावधानीपूर्वक एनालिसिस करने के बाद हवाई किराया कैप हटाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना महामारी के कम होने के बाद से ही एयरलाइंस डोमेस्टिक एयर फेयर के लिए प्राइस बैंड को हटाने की मांग कर रही थीं। एयरलाइंस का कहना था कि प्राइस कैप डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक की फुल फ्लेज्ड रिकवरी के लिए हर्डल की तरह है।