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MiG-21 Crashes: MiG-21 विमान को कहा जाता है फ्लाइंग कॉफिन, जाने क्यों हो रहा है ये जहाज बार-बार क्रैश

MiG-21 Crashes: राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार की दिल-दहलाने वाली घटना घटी है। बाड़मेर के भीमड़ा गांव में वायुसेना का एक फाइटर प्लेन क्रैश हो गया। ये MiG-21 बायसम विमान था।

Written By: Ravi Prashant
Updated on: July 29, 2022 18:52 IST
INDIAN AIR FORCE - India TV Hindi
Image Source : TWITTER MiG-21 Crashes

Highlights

  • MiG-21 को 1963 में इसे रूस से खरीदा गया था
  • इस जेट को रूस ने 1986 में बनाना बंद कर दिया था
  • 1963 से लेकर 2022 तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो गए

MiG-21 Crashesराजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार की दिल-दहलाने वाली घटना घटी है। बाड़मेर के भीमड़ा गांव में वायुसेना का एक फाइटर प्लेन क्रैश हो गया। ये MiG-21 बायसम विमान था। इस क्रैश के धमाके की आवाज इतनी अघिक थी कि लगभग तीन किलोमीटर तक लोगों को आवाज सुनाई दी। इस प्लेन में दो वायुसेना के जवान थे। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि जेट में आग ऊपर ही लग गई थी। दो से तीन बार जेट लैंड करने की कोशिश की लेकिन हर कोशिश नाकाम हो गई। जानकारी के मुताबिक, ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों पायलट ने अपनी पैराशुट खोलने की काफी प्रयास किया था लेकिन खुल नहीं पाई, हालांकि ये जांच का विषय है। दो जवानों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। विंग कमांडर एम राणा हिमाचल के रहने वाले थे और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्धितीय बल जम्मू से संबंध रखते थे। फिलहाल, भीमड़ा गांव को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया है।

वायुसेना ने क्या लिया एक्शन

भारतीय वायुसेना ने हादसे में जान गवाने वाले सेना के परिवार के प्रति शोक संवदेना व्यक्त किया है। वही इस संबंध में ये दुर्घटना कैसे हो गई है, सभी करणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। डिफेंस मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के प्रमुख वी आर चौधरी से बात करके घटना की पुरी जानकारी ली।

आखिर MiG-21 क्यों क्रैश हो रहा है

MiG-21 को 1963 में इसे रूस से खरीदा गया था। उस वक्त भारत सरकार ने लगभग 874 मिग-21 खरीदे थे। तब से ये फाइटर जेट वायुसेना के बेड़े में है। इस जेट को रूस ने 1986 में बनाना बंद कर दिया था। आज के इस नए तकनीक में इन जेटों की पुछ नहीं रही है। इन जहाजों को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमीटेड ने अपग्रेड किया था। हालांकि ये विमान बनना बंद हो गया है तो इसके कुछ ऐसे पार्टस है जो नहीं मिलते हैं जिसके कारण पुराने पार्टस को ही अपडेट करके काम चलाया जा रहा है। हालांकि इस विमान को समय से अधिक प्रयोग कर लिया गया है। पूर्व में कई एयर चीफ ने कहा था कि इस विमान को अब बेड़े से बाहर कर देना चाहिए। अबतक इस जहाज को वायुसेना से बाहर हो जानी चाहिए थी लेकिन वायुसेना के पास अभी पर्याप्त लड़ाकु विमान नहीं है तो इसलिए मजबुरन रखना पड़ रहा है।

किन-किन युद्धों में इस जहाज का किया गया है प्रयोग

एक जमाने इस विमान की शक्ति से दुश्मन देश कांप उठते थे। इसका हमला इतना घात होता था कि दुश्मन पहले ही हाथ खड़े कर लेते थे। इस विमान को सबसे पहले प्रयोग 1965 में किया गया था लेकिन इस विमान के असली ताकत का अंदाजा 1971 के वार में देखने को मिला जब इस जहाज ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।

अबतक कितने जहाज हुए क्रैश

1963 से लेकर 2022 तक 400 से ज्यादा विमान क्रैश हो गए हैं, जिसमें 200 से अधिक जवानों ने अपनी जान गंवा दी है। इन हादसों के कारण से इस विमान का फ्लाइंग कॉफिन या विडो मेकर के नाम से बुलाया जाता है यानी सरल भाषा में आप समझ ले कि ये जहाज मौत का ताबुत है। हाल के रिपोर्ट की बात करें तो सिर्फ बाड़मेर जिले में ही 9 साल के भीतर 8वीं बार ये जेट क्रैश हो गया है।

बाड़मेर में 8 बार हुआ MiG-21 क्रैश

 

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