Saturday, December 21, 2024
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अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण LOC पर हुए शहीद, सियाचिन ग्लेशियर में मिली थी पोस्टिंग, परिजनों को मिलेगा मुआवजा

शहीद अग्निवीर जवान अक्षय लक्ष्मण सियाचिन में तैनात थे। अग्निवीर बनने के बाद उनकी पहली तैनाती भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में हुई थी। इस बाबत भारतीय सेना और फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्विटर पर ट्वीट कर जवान के शहीद होने पर संवेदना व्यक्त की है।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Avinash Rai Published : Oct 22, 2023 21:01 IST, Updated : Oct 23, 2023 0:08 IST
Agniveer Gawate Akshay Laxman laid down his life in the line of duty in Siachen Glacier
Image Source : @FIREFURYCORPS अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण LOC पर हुए शहीद

लद्दाख के सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के अग्निवीर जवान गावते अक्षय लक्ष्मण शहीद हुए हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी पर तैनाती के दौरान शहीद होने वाले पहले अग्निवीर हैं लक्ष्मण। बता दें कि वो भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे। ट्विटर पर फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स द्वारा शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीद जवान की तस्वीर को शेयर करते हुए फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने लिखा, बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक के अधिकारी अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। साथ ही उनके शोक संतिप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

एलओसी पर शहीद हुए पहले अग्निवीर

इस बाबत न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर लिखा, सेना ने बताया है कि शहीद जवान लक्ष्मण को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में तैनात किया गया था। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को रविवार (22 अक्टूबर) को उनके घर भेजा जाएगा। बता दें कि अक्षय लक्ष्मण मूलत: महाराष्ट्र के रहने वाले थे। अग्निवीर बनने के बाद उनकी पहली तैनाती भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स में हुई थी। भारतीय सेना ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि जनरल मनोज पांडे समेत सेना के सभी अधिकारी इस सर्वोच्च बलिदान के लिए अक्षय लक्ष्मण को नमन करते हैं। 

शहीद अग्निवीर के साथ सेना और सरकार

बता दें कि शहीद जवान के परिजनों को 48 लाख रुपये गैर-अंशदायी बीमा, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सेवा निधि में अग्निवीर द्वारा दिए गए 30 फीसदी योगदान, उसमें सरकार का भी बराबर योगदान और पूरी राशि पर ब्याज दिया जाएगा। साथ ही परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल के लिए भी वेतन मिलेगा। यह राशि 13 लाख से अधिक होगी। वहीं सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से शहीद जवान के परिजनों को 8 लाख रुपये का योगदान दिया जाएगा। 

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