रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्रालय से वंदे भारत ट्रेनों की तरह, “वंदे मेट्रो” लाने के लिए कहा है। “वंदे मेट्रो” पास के दो बड़े स्टेशनों के बीच चलने वाली ट्रेन की अवधारणा की तरह है। पत्रकारों से बात करते हुए रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले साल खाद्यान्न, उर्वरक और कई अन्य चीजों के परिवहन में 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है जो प्रत्येक यात्री के लिए 55 प्रतिशत रियायत के बराबर है।
100 KM के भीतर दो शहरों के बीच चलेंगी
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री ने इस वर्ष लक्ष्य दिया है। वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद, (उन्होंने) एक नई विश्व स्तरीय क्षेत्रीय ट्रेन विकसित करने के लिए कहा, जो वंदे मेट्रो होगी।” “वंदे मेट्रो” के कॉन्सेप्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ट्रेनों को दो शहरों के बीच हाई फ्रिक्वेंसी के साथ चलाया जाएगा जो प्रत्येक 100 किलोमीटर से कम के करीब हैं।
हाइड्रोजन ट्रेन और बुलेट ट्रेन पर कही ये बात
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को जब रेल मंत्री इंडिया टीवी के संवाद बजट कार्यक्रम में शामिल हुए थे, उस दौरान उन्होंने बताया था कि भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का प्रोटोटाइप इस साल दिसंबर में देश की पटरियों पर दौड़ेगा और भारत की पहली बुलेट ट्रेन अगस्त 2026 में चलाने का टारगेट है। रेल मंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में वंदे भारत का कॉन्सेप्ट दिया था, यह 2019 में बनी, और दो साल तक कई लाख किलोमीटर से ज्यादा चलाकर इसकी टेस्टिंग की गई, और अब प्रैक्टिकली हर 8 से 10 दिन में एक वंदे भारत ट्रेन बनाई जा रही है। हमारा लक्ष्य हर हफ्ते दो से तीन वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण करना है।
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