प्रयागराज: अतीक अहमद और अशरफ की हत्या से भले ही दोनों के करीबी सदमे में हों, लेकिन जमीन के कारोबार में लगे अतीक के गुर्गे अपना धंधा जारी रखे हुए हैं और लगातार पीड़ितों को धमका रहे हैं। ताजा मामला कसारी मसारी की रहने वाली अख्तरी बेगम का है। अख्तरी बेगम ने साल 2020 में अतीक के गुर्गे अकरम, आजम साहिल पर मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसके पति और देवर को गवाही बदलने के लिए धमकाया जा रहा है।
पीड़ित महिला का आरोप है कि ये तीनों लोग जमीन कब्जे का अवैध धंधा करते हैं और 2020 में जमीन कब्जे को लेकर उसके पति और देवर पर 60 फीट रोड पर गोलियां चलाकर जानलेवा हमला किया गया। जिसका मुकदमा भी धूमन गंज थाने में दर्ज है। अब ये लोग गवाही बदलने और मुकदमा खत्म कराने का दबाव बना रहे हैं।
अख्तरी बेगम ने अर्जी देकर पुलिस अफसरों से तीनों आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि तीनों लोग अपराधी किस्म के हैं। सभी हिस्ट्रीशीटर हैं। कभी भी कोई वारदात पीड़ित के साथ कर सकते हैं। खास बात ये है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी तीनों अब तक फरार हैं। पुलिस ने आगे भी मुकदमे के बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
जमीनों की खरीद-फरोख्त में होता था अतीक-अशरफ का हिस्सा
प्रयागराज शहर में माफिया अतीक और अशरफ के सैकड़ों गुर्गे जमीन का धंधा करते हैं, जिसमें अधिकतर जमीनों की खरीद फरोख्त में अतीक और अशरफ का कमीशन बंधा होता था। अतीक के गुर्गे या तो विवादित जमीन को सस्ते दामों में खरीदकर महंगे में बेचते थे, या फिर ऐसी जमीनों पर कब्जा करते थे, जिसका मालिक गरीब और असहाय हो ताकि वो आवाज न उठा सके।
कभी-कभी तो धमकी के लिए गुर्गे पीड़ित की फोन पर अतीक से सीधा बात भी करा देते थे। ऐसा एक मामले भी सामने आया है जिसमें अतीक ने पीड़ित को धमकी भी दी कि जमीन भूल जाओ, नहीं तो इसी जमीन पर तुम्हारी कब्र खुदवा दूंगा। अतीक ने पिछले साल ये धमकी पीड़ित को गुर्गों के फोन द्वारा दी थी। अब अतीक की मौत के बाद पीड़ित विकास बक्शी ने धूमनगंज थाने में अतीक के 8 करीबियों पर मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोप है कि इन लोगों ने कागजों में हेर-फेर करके सरकारी जमीन उसको बेच दी। जब उसने जमीन पर निर्माण कराया तो पीडीए ने निर्माण गिरा दिया। तब पता चला ये जमीन पीडीए के अधीन है। पीड़ित से इस जमीन के बदले अतीक के करीबियों ने 12 लाख रुपए लिए लेकिन वापस नहीं किए।
अतीक अहमद अपने नाम से जमीन का कारोबार तो करता ही था लेकिन करेली खुल्दाबाद धूमनगंज के पीपल गांव झलवा, पुरामुफ्ती कौशाम्बी के तमाम इलाको में जिस भी जमीन की खरीद फरोख्त होती, उसमें अतीक का कमीशन बनता था और जेल जाने के बाद ये पैसा उसकी पत्नी शाइस्ता को पहुंचाया जाता था। अतीक के 1 दर्जन हार्डकोर क्रिमिनल शाइस्ता के सीधा टच में रहते थे। उनसे शाइस्ता और असद सीधा बात करते थे। कई जमीनों का कमीशन शूटर अरमान ने भी शाइस्ता को लाकर दिया था।
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