Friday, November 22, 2024
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Exclusive: शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब क्या? सुप्रीम कोर्ट की वकील से जानें कानूनी दांव-पेंच

शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। ऐसे में उनके पास क्या ऑप्शन बचते हैं, इस बारे में बात करने के लिए इंडिया टीवी ने सुप्रीम कोर्ट की वकील से बात की।

Reported By : Nirnay Kapoor Written By : Shailendra Tiwari Updated on: March 22, 2024 14:18 IST
Arvind kejriwal- India TV Hindi
Image Source : SCREENGRAB अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट की वकील से जानें कानूनी दांव-पेंच

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज पूरे देश में जमकर बवाल काटा है। इसी बीच केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी, जिसे कुछ देर पहले ही वकील अभिषेक मनु सांघवी ने वापस ले लिया गया। इसका कारण उनके वकील सांघवी ने बताया कि रिमांड आपस में क्लैश न हो जाएं, इसलिए इसे वापस लेने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि निचली अदालत में भी केजरीवाल की सुनवाई होनी है। अरविंद केजरीवाल के इस केस को लेकर आज इंडिया टीवी के संवाददाता निर्णय कपूर ने सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील उत्तरा बब्बर से बात की। आइए जानते हैं कि केजरीवाल के पास अब क्या-क्या अधिकार बचे हैं...

इंडिया टीवी के संवाददाता ने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल के पास क्या अधिकार बचे हैं?

इस बारे में बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील उत्तरा बब्बर ने कहा कि अगर हम कानून के मुताबिक, तो अभी भी केजरीवाल को अभी इस्तीफा देना जरूरी नहीं है। कानून के मुताबिक, डिस्क्वालिफिकेशन उस स्थिति में हो सकती है, जब कोई अपराधी साबित हो चुका हो और उसे सजा हो चुकी हो। 

दूसरा सवाल कि उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी मिल जाए तो जेल से सरकार चला सकेंगे केजरीवाल?

इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री के पास कोर्ट की परमिशन लेकर सरकार चलाई जा सकती है, अगर कोर्ट को लगता है कि ये सही है तो। आगे कहा कि ये मिल ही जाए नहीं मिलेगा ये कहना जल्दबाजी होगी। ये लॉ के प्रोविजन में है और जज के निर्णय पर ही निर्भर है।

संवैधानिक काम नहीं होंगे तो क्या एलजी केंद्र के हस्तक्षेप की मांग कर सकते हैं?

इस बारे में उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र व राज्य के पास अपना-अपना अधिकार है। ये करना आसान नहीं होगा। मुझे नहीं लगा कि ऐसा कुछ अभी नहीं हो सकता है। कल क्या होगा ये मैं नहीं कह सकती लेकिन आज के हिसाब से ये पूरी तरह ब्रेक डाउन कांस्टीट्यूशनल मशीनरी नहीं है। अभी ये निर्णय लेना सही नहीं होगा। एलजी उस दौरान ऐसा कुछ कर सकते हैं जब सरकार पूरी तरह ठप हो जाए। मुझे नहीं लगता कि अभी राष्ट्रपति शासन जैसा कुछ लगना चाहिए। अभी कई सारे ऑप्शन हैं।

मान लीजिए कि केजरीवाल के सारे ऑप्शन बंद हो जाते हैं तो वे क्या दूसरा नेता चुन सकते हैं?

इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा बिल्कुल ये किया जा सकता है, पर अभी तो सिर्फ गिरफ्तार किए गए हैं। अगर हम ऐसा मान लेते हैं कि अरविंद केजरीवाल के लिए सारे रास्ते बंद हो जाते हैं, और केजरीवाल को कोर्ट से परमिशन नहीं मिलती कि वो जेल से सरकार चलाएं तो पार्टी ये फैसला ले सकती है। पर अभी ऑप्शन सारे खुले हुए हैं तो ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। अभी ऐसी कोई गंभीर सिचुएशन नहीं हुई है।

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