Highlights
- 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा युद्धपोत है तारागिरि
- 25, 700 करोड़ की लागत से करीब तीन वर्षों में हुआ तैयार
- पाकिस्तान और चीन के खिलाफ घातक सुपरसोनिक मिसाइलों से किया गया लैस
Indian Navy: रक्षा के क्षेत्र में भारत की धमक लगातार दुनिया में यूं ही नहीं बढ़ रही, बल्कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत नेतृत्व और देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व सेना के जवानों का अभूतपूर्व प्रयास भी है। तभी तो मेक इन इंडिया का मंत्र अब नित सफलता के नये-नये आयाम गढ़ रहा है। इससे देश की सामरिक ताकत नियमित तौर पर बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ दुनिया भारत के नये-नये रक्षा आविस्कारों से हैरान है।
अभी दो सितंबर को भारत ने अपने नौसेना के बेड़े में बाहुबली INS विक्रांत को शामिल कर दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया था। इसी कड़ी में अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए तारागिरि नामक युद्धपोत को भी तैयार कर लिया गया है। इसे भी नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। इससे भारतीय सेना की ताकत और भी बढ़ गई है। वहीं दूसरी तरफ देश के दुश्मन पाकिस्तान और चीन भारत की इस सफलता से हतोत्साहिसत हो रहे हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि तारागिरि युद्धपोत की ताकत क्या है, जिसने अब पाक और चीन को चिंता में डाल दिया है।
तारागिरि की विशेषताएं
इस पर सतह से हवा में मार करने वाली 32 बराक 8 ईआर या घातक स्वदेशी वीएलएसआरएसएएम मिसाइल लगाई जाएगी। इसके जरिये एंटी एयर वॉरफायर किया जा सकेगा। वहीं एंटी सरफेस वॉरफेयर के लिए आठ ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएंगी। इसमें एंटी सबमरीन वॉरफायर के लिए दो ट्रिपल टॉरपीडो ट्यूब्स लगाए गए हैं। साथ ही यह 2 आरबीयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर्स से भी लैस है। यह स्टील्थ फ्रीगेट है। इसमें अत्याधुनिक सेंसर, एडवांस एक्सशन इंफॉर्मेशन सिस्टम, वर्ल्ड क्लॉस मॉड्यूलर, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम समेत कई एडवांस फीचर लगे हैं। इसे प्रोजेक्ट 17 ए फ्रिगेट के तहत मुंबई के मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है।
अन्य खासियतें
- यह 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा युद्धपोत है।
- इसका वजन 3510 टन है।
- इसे भारतीय नौ सेना के इन हाउस ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया गया है।
- इस युद्धपोत के संचालन के लिए दो गैस टर्बाइन और दो डीजल इंजन लगाए गए हैं।
- इससे दुश्मन के विमानों और जहाजरोधी क्रूज मिसाइलों का सामना किया जा सकेगा।
- यह युद्धपोत सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस होगा।
- यह युद्धपोत 10 सितंबर 2020 से बनना शुरू हुआ था।
- इसमें 75 फीसदी उपकरण स्वदेशी हैं।
- इसकी लागत 25, 700 करोड़ है।
2024 में होगा समुद्री परीक्षण
तारागिरि युद्ध पोत खतरनाक मिसाइलों से लैस होगा। इसका समुद्री परीक्षण 2024 में किया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद वर्ष 2025 के पहले ही इसे नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। इससे पहले एक अन्य युद्धपोत इसी श्रेणी में उदयगिरि को भी तैयार किया गया था, जिसे बीते 17 मई को ही लांच कर दिया गया है। इस प्रकार भारतीय नौसेना अब लगातार ताकतवर होती जा रही है। यह आधुनिक समय की जरूरत भी है। क्योंकि भारत का दुश्मन नंबर एक चीन भी अपनी सेना की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है।