Highlights
- असम के 23 जिलों से पूर्ण रूप से हटाया गया आफस्पा
- राज्य में 1990 से प्रभाव में है ये सशस्त्र बल विशेषाधिकार
- असम का करीब 60 फीसद हिस्सा आफस्पा के दायरे से बाहर
नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बृहस्पतिवार को 23 जिलों से पूर्ण रूप से और एक जिले से आंशिक रूप से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटाने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य में 1990 से आफस्पा प्रभाव में है और आज उठाया गया यह कदम असम के भविष्य में नये अध्याय की शुरूआत का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ नौ जिलों एवं एक उपसंभाग को छोड़कर असम के सभी क्षेत्रों से आफस्पा हटाने के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के फैसले का मैं पूरे हृदय से स्वागत करता हूं।’’ हिमंत बिस्वा सरमा ने ‘इस बड़े कदम के लिए’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार भी प्रकट किया। केंद्र के इस फैसले के बाद अब राज्य का करीब 60 फीसद हिस्सा आफस्पा के दायरे से बाहर है।
असम के सीएम ने कहा, ‘‘ यह राज्य में कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार का सबूत है। शांति को सर्वोच्च स्थान मिलने से पूर्वोत्तर अब विकास की नयी राह पर अग्रसर है।’’ पूरे असम में 1990 से प्रभाव में रही अशांत क्षेत्र अधिसूचना अब 23 जिलों से पूरी तरह और एक जिले से आंशिक रूप से एक अप्रैल से हटायी जा रही है। आफस्पा 1990 के बाद राज्य सरकार की समीक्षा के बाद हर छह महीने के लिए बढ़ाया गया। इसे आखिरी बार इस साल 28 फरवरी को छह महीने के लिए बढ़ाया गया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने राज्य के उन लोगों को भी बधाई दी जो शांति में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदृष्टिपूर्ण नेतृत्व के कारण यह क्षेत्र भारत के विकास का इंजन-- अक्षतलक्ष्मी बनने वाला है।’’ बता दें कि आफस्पा सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करता है और अगर सुरक्षा बलों की गोली से किसी की मौत हो जाए तो भी यह उन्हें गिरफ्तारी और अभियोजन से संरक्षण प्रदान करता है।