Highlights
- उत्तराखंड में स्वाइन फीवर का प्रकोप
- सूअरों की लगातार मौत से हड़कंप
- ऋषिकेश में अभी तक 150 सुअरों की हो चुकी है मौत
African Swine Fever: उत्तराखंड में इन दिनों अफ्रीकन स्वाइन फीवर की वजह से सुअरों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है। ऋषिकेश शहर भी इससे अछूता नहीं है। यही कारण है कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने ऋषिकेश क्षेत्र को अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमित जोन घोषित किया है। क्षेत्र में किसी भी तरह की सूअर की खरीद और बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं जिलाधिकारी ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज करने के आदेश दिए थे, जिससे संक्रमण न फैले। लेकिन ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी का आदेश को ठेंगे पर रख दिया है।
गंगा में जा रहा सुअरों के शव वाला पानी
ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारी किस तरह से जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, उसकी बानगी हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड में देखी जा सकती है। दरअसल, यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को डंपिंग ग्राउंड में सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया जा रहा है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेज बारिश में पानी बढ़ा तो सुअरों के शव उतरते हुए दिखाई दिए और यही पानी फिर सीधे गंगा में जा रहा है जिससे यह संक्रमण अन्य क्षेत्रों तक की भी फैलने की आशंका है। हैरानी तो तब हुई जब ऋषिकेश नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर धीरेंद्र सेमवाल ने बताया कि सुअरों को डिस्पोज करने के 2 स्थान हैं, एक रेलवे लाइन के पास दूसरा ऋषिकेश का ट्रेंचिंग ग्राउंड।
मृत सुअरों के शव पर डाला जा रहा ब्लीचिंग पाउडर
उन्होंने यह भी कहा कि सुअरों को उठा पाना मुश्किल हो रहा है इसीलिए मृत सुअरों के शव पर ब्लीचिंग पाउडर डाल दिया जा रहा है। ऋषिकेश पुराने रेलवे स्टेशन स्थित कॉलोनी के पीछे भी कई दिनों से एक संक्रमित सूअर का शव पड़ा हुआ है। कॉलोनी निवासी प्रदीप सैनी ने बताया कि कई दिनों से एक सूअर का शव यहां पड़ा हुआ है। सूअर के सड़ने से दुर्गंध भी तेजी से फैल रही है। इस बारे में नगर निगम को सूचना भी दी गई है, लेकिन कोई शव को उठाने नहीं आया।
ऋषिकेश में अभी तक 150 सुअरों की हो चुकी है मौत
इस मामले में ऋषिकेश उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मामला काफी गंभीर है। संक्रमित सुअरों के शवों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज किया जा रहा है अगर फिर भी कहीं सुअर का शव खुले में पड़ा है तो इस बारे में निगम के अधिकारियों के साथ बात की जाएगी। यह भी बता दें कि पशु चिकित्सक के मुताबिक अभी तक ऋषिकेश क्षेत्र में संक्रमण से करीब 150 सुअरों की मौत हो चुकी है।