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आखिर क्यों केरल में 310 सूअरों को दे दी गई मौत की सजा, जानिए इसके पीछे की वजह

केरल के त्रिशूर जिले में प्रशासन के आदेश के बाद 310 सूअरों को मौत की सजा दी गई है। ऐसा अफ्रीकी स्वाइन फीवर यानी एएसएफ के प्रकोप से बचने के लिए किया गया है।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published on: July 07, 2024 21:40 IST
kerala trishur- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO केरल के त्रिशूर में मारे गए 310 सूअर

केंद्र ने रविवार को बताया है कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर यानी एएसएफ के प्रकोप के बाद केरल के त्रिशूर जिले में लगभग 310 सूअरों को मार दिया गया है। इस प्रकोप का पता मदक्कथरन पंचायत में चला जिसके बाद राज्य के पशुपालन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ये कदम उठाया है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पांच जुलाई को इस क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में सूअरों को मारने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दलों को तैनात किया गया था और उसके बाद 310 सूअरों को मार दिया गया है।

अफ्रीकी स्वाइन फीवर से बचाव

यह देश में अफ्रीकी स्वाइन फीवर यानी एएसएफ से निपटने के क्रम में नवीनतम घटना है, जो पहली बार मई 2020 में पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश में सामने आया था। तब से, यह घातक बीमारी देश भर के लगभग 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल गई है। मंत्रालय ने कहा, 'कार्य योजना के अनुसार प्रभावित क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में आगे की निगरानी की जानी है।' मंत्रालय ने स्पष्ट किया, 'एएसएफ मनुष्यों में नहीं फैल सकता है।' हालांकि, एएसएफ के लिए टीके की कमी पशु रोगों के प्रबंधन में चुनौतियों को रेखांकित करती है।

त्रिशूर में स्वाइन फीवर के मिले मरीज

मंत्रालय ने कहा, 'जूनोटिक और गैर-जूनोटिक रोगों के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है। पशुओं से होने वाले कई रोग, जैसे खुरपका और मुंहपका रोग या गांठदार त्वचा रोग, मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर सकते हैं। लेकिन इन बीमारियों से सावधान रहना जरूरी है।’’

केरल के त्रिशूर जिले के एक गांव में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ फैलने के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ एक जानलेवा और संक्रामक रोग है जो पालतू और जंगली सूअरों को अपनी चपेट में ले लेता है। यह संक्रमित सूअर के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के प्रत्यक्ष संपर्क में आने पर एक सूअर से दूसरे सूअर में आसानी से फैल सकता है।

इनपुट-पीटीआई भाषा

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