Sunday, September 29, 2024
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Exclusive: "देश में जिन्नावाद ला रहे", ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे पर एडवोकेट हरिशंकर जैन का बड़ा दावा, जाएगी सदस्यता!

सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 में साफ-साफ लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति किसी बाहरी स्टेट से जुड़ाव या समर्थन में है, तो संवैधानिक पद के लिए अयोग्य है।

Written By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: June 26, 2024 23:49 IST
एडवोकेट हरिशंकर जैन - India TV Hindi
एडवोकेट हरिशंकर जैन

सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया, जिस पर बवाल मचा है। इसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने इसकी शिकायत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की है। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर ओवैसी को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया है। इसे लेकर सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि कल एक ऐसी घटना हुई जो भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ, किसी विदेशी देश के बारे में जय कहकर नारा लगाया गया। 

उन्होंने कहा, "बहुत अहम सवाल है कि आखिर देश में रहने वाला व्यक्ति दूसरे देश के प्रति अपना समर्पण कैसे दिखा सकता है। संविधान के अनुच्छेद 102 में साफ-साफ लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति किसी बाहरी स्टेट से जुड़ाव या समर्थन में है, तो संवैधानिक पद के लिए अयोग्य है यानी संसद के सदस्य के रूप में, ये इसलिए बनाया गया है। जब आप किसी देश में पोस्ट रोल करने जा रहे हैं, तो विदेश में किसी प्रकार की सहभागिता नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पता नहीं आगे चलकर इस देश या किसी देश से कैसा संबंध रहता है, इसलिए आपको केवल व केवल भारत के प्रति समर्पित रहना है और निष्ठा रखनी है।

एडवोकेट हरिशंकर जैन ने कहा कि जय फिलिस्तीन का नारा इस बात को साबित करता है कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी इंटरनेशनल साजिश है। पार्लियामेंट में शपथ के तुरंत बाद नारा दिया, जो साबित करता है कि आपकी पूरी की पूरी निष्ठा फिलिस्तीन के प्रति है और ये आपको अयोग्य बनाता है, इसलिए इसे ध्यान में रखकर इन सारी बातों को लिखकर राष्ट्रपति को शिकायत दी है और उनसे प्रार्थना की है कि अनुच्छे 103 के तहत चुनाव आयोग से रिपोर्ट मंगाकर इस पर फैसला लिया जाए।

"मुस्लिम लीडर साबित करने की कोशिश" 

उन्होंने कहा कि असल बात ये है कि पूरी दुनिया में ओवैसी खुद को मुस्लिम लीडर साबित करने की कोशिश में हैं और देश के जिन्ना बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रवृति को हमलोग दबकर रहेंगे। असदुद्दीन ओवैसे की इस पर सफाई देने को लेकर उन्होंने कहा कि हर अपराध करने वाला व्यक्ति अपने को सही कहता है। अगर फिलिस्तीन के समर्थन में हैं, तो देश का बहुत बड़ा वर्ग आज इजरायल के साथ खड़ा हुआ है। ऐसे में दूसरे देश को लेकर यहां आपस में बात शुरू हो जाएगी। इस देश को फिलिस्तीन VS इजरायल का लड़ाई स्थल नहीं बनने देना चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि हमास और मोसाद की लड़ाई यहां पर भी आ जाए। देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए ये जरूरी है कि इस तरह की बातें ना की जाए।

"सवाल है इस देश के प्रति निष्ठा कम है"

उन्होंने कहा कि ओवैसी विश्व के मुस्लिम लीडर बनना चाहते हैं। बैरिस्टरी या पढ़ाई क्या, महत्वकांक्षा बहुत बढ़ जाती है, ऐसे में कुछ भी कुर्बान कर दे। वो चाहते हैं कि मुस्लिमफोबिया पूरे देश में भर दिया जाए और फिलिस्तीन और जितने मुस्लिम कंट्री है उसका देश में प्रभाव रहे, इसलिए जरूरी है कि इस पर निर्णय लिया जाए। जब उनसे पूछा गया कि कई सांसद ऐसे भी थे जिन्होंने जय श्री कृष्णा, जय श्रीराम और बरेली के सांसद ने जय हिंदू राष्ट्र भी बोला। इस पर उन्होंने कहा कि ओवैसी ने जय तेलंगाना बोला कोई दिक्कत नहीं, उन्होंने अल्लाह हू अकबर बोला कोई आपत्ति नहीं, हालांकि नहीं बोलना चाहिए था। जय कृष्णा बोलना ये नहीं साबित करता है कि दूसरे देश के प्रति निष्ठा है। यहां तो सवाल है कि आपकी भारत यानी इस देश के प्रति निष्ठा कम है। वो देश में एक जिन्नावाद ला रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि इसमें न्याय मिलेगा। 

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