भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने सूर्ययान आदित्य एल1 को लॉन्च कर दिया है। आदित्य एल1 ने धरती के सतह को छोड़ दिया है और सूर्य की तरफ बढ़ चला है। 15 लाख किमी का सफर कर यह यान L1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। यहां पहुंचने में आदित्य एल1 को 128 दिन का समय लगेगा। एल1 प्वाइंट पर स्थापित होने के बाद सूर्ययान लगातार तस्वीरें खींचेगा और सूर्य पर होने वाले विस्फोट, सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा, तापमान, तूफान इत्यादि सभी चीजों का अध्ययन करेगा। भारत के लिए आदित्य एल1 मिशन बेहद अहम है। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद से पूरी दुनिया की निगाहें आदित्य एल1 पर टिकी हुई हैं।
आदित्य एल1 बढ़ चला सूर्य की ओर
बता दें कि सूर्य के अध्ययन की दिशा में भारत द्वारा लॉन्च किया गया आदित्य एल1 पहला मिशन है। इस मिशन के तहत सूर्ययान पृथ्वी और सूर्य के बीच बने एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। बता दें कि इस प्वाइंट पर पृथ्वी और सूर्य दोनों का ही गुरुत्वाकर्षण पहुंचता हैं। यह प्वाइंट काफी स्थिर हैं। इसलिए आदित्य एल1 को यहां पोजिशन किया जाएगा। बता दें कि आदित्य एल1 मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 11.50 बजे 2 सितंबर को लॉन्च किया गया है। आदित्य एल1 से भारतीय वैज्ञानिकों और भारतीयों को काफी उम्मीदें हैं।
क्या जलकर खाक नहीं होगा आदित्य एल1
आदित्य एल1 मिशन 15 लाख किमी का सफर करके ऐसे स्थान पर पहुंचेगा जो सूर्य से एक निश्चित दूरी पर होगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि सूर्य की गर्मी से आदित्य एल1 को खराब या बर्बाद न होने या फिर जलकर खाक होने से बचाया जा सके। आदित्य एल1 को धरती और सूर्य के बीच वाले प्वाइंट L1 पर स्थापित किया जाएगा, जहां सूर्य और धरती दोनों का ही गुरुत्वाकर्षण बल पहुंचता है। बता दें कि सूर्य की सतह पर तापमान 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है। ऐसे में आदित्य एल 1 को पोजिशन एल1 पर स्थापित करना अनिवार्य है। अगर आदित्य एल1 प्वाइंट एल1 पर नहीं रुका तो यह सूर्य की तरफ आगे बढ़ने लगेगा। अगर ऐसा हुआ तो आदित्य एल1 सूर्य की तापमान को झेल नहीं पाएगा और जलकर खाक हो जाएगा।