Monday, December 23, 2024
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भारत के सूर्य मिशन आदित्य L-1 की लॉन्चिंग के चारों चरण सफल, PM मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

भारतीय सूर्य मिशन आदित्य L-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। ये ISRO का पहला सूर्य मिशन था, जिसके चारों चरण सफल हो गए हैं।

Reported By : T Raghavan Edited By : Rituraj Tripathi Published : Sep 02, 2023 13:10 IST, Updated : Sep 02, 2023 14:31 IST
Aditya L 1
Image Source : PTI आदित्य L-1

नई दिल्ली: भारत का सूर्य मिशन आदित्य L-1 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। ये ISRO का पहला सूर्य मिशन था, जिसके चारों चरण सफल हो गए हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा, 'चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।'

कब लॉन्च हुआ सूर्य मिशन

ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को आज सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। इस मिशन में 7 पेलोड लगे हैं, जिसमें से 6 भारत में बने हैं। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है। 

आदित्य एल 1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा। इस मिशन को ISRO के सबसे भरोसेमंद PSLV रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया है। वैसे तो अभी तक अमेरिका समेत कई देशों ने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट भेजे हैं, लेकिन इसरो का आदित्य एल वन अपने आप में अनोखा है।

क्या करेगा आदित्य एल 1?

ISRO का आदित्य L1 पहला सूर्य मिशन है, जो L1 प्वाइंट तक जाएगा। पृथ्वी से इस जगह की दूरी 15 लाख किलोमीटर है। आदित्य एल 1 सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा और यहां 5 साल 2 महीने तक रहेगा। इस काम में 378 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

गौरतलब है कि सूरज पृथ्वी के सबसे नजदीक का स्टार है। अन्य स्टार के मुकाबले सूरज की स्टडी संभव है। इस मिशन के बाद आकाशगंगा के बाकी तारों की स्टडी हो सकेगी और दूसरी गैलेक्सी के स्टार्स की जानकारी संभव है। सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है और इसका तापमान 10 से 20 लाख डिग्री सेल्सियस है। इसकी उम्र 4.5 अरब साल है। 

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