लखनऊ: अतीक अहमद और उसके भाई अहरफ अहमद की हत्या के बाद अब सभी की निगाहें शूटर गुड्डू मुस्लिम पर बनी हुई हैं। उमेश पाल हत्याकांड में वह आरोपी है और अभी तक फरार है। उत्तर प्रदेश पुलिस की STF टीम को उसकी तलाश है और उसे ढूढने के लिए कई जगह छापेमारी कर चुकी है। STF के चीफ और ADG अमिताभ यश ने आज इंडिया टीवी से बातचीत में गुड्डू मुस्लिम के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं। बता दें कि गुड्डू मुस्लिम वही है जिसका नाम मरने से पहले अतीक अहमद ने लिया था और उसके बाद उसे गोली मार दी गई थी।
साल 1999 में पहली बार गिरफ्तार हुआ था गुड्डू मुस्लिम
ADG अमिताभ यश ने बताया कि गुड्डू मुस्लिम को सबसे पहले साल 1999 में गोरखपुर पुलिस ने नारकोटिक्स के मामले में गिरफ्तार किया था। उसे 10 वर्ष की सजा हुई लेकिन इसके बाद अतीक ने अपने वकीलों की मदद से इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत करा ली। इसके बाद से ही वह अतीक का सबसे खास गुर्गा और शूटर बन गया। उन्होंने बताया कि यह शुरुआत से ही बमबाज था और ज्यादातर घटनाक्रमों में यह बम से ही हत्या करता है। इसी वजह से यह अकेले ही घटना को अंजाम दे देता था। उन्होंने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों में से यह सबसे खतरनाक है।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद मेरठ में भी रूका था गुड्डू
STF चीफ ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड को बेहद ही शातिर अंदाज और पूरी रणनीति के साथ अंजाम दिया गया था। घटना के बाद से ही तय था कि कौन कहां जाएगा और कहा रुकेगा। उन्होंने बताया कि STF के द्वारा गुड्डू मुस्लिम को सबसे पहले मेरठ में ट्रैस किया गया था ;लेकिन वह वहां से पुलिस को चकमा देखर भाग गया। वह मेरठ में अख़लाक़ के घर गया था और वहां अकलाख ने 50 हजार रुपए भी दिए थे और वहां STF की टीम चंद मिनटों से उसे पकड़ने में नाकाम रही। उसके बाद भी कई राज्यों उसकी लोकेशन मिली लेकिन वह टीम के हाथ नहीं लग पाया और पुलिस आज भी उसकी तलाश कर रही है।
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