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Abu Salem: गैंगेस्टर अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रिहाई को लेकर सामने आई ये बात, 1993 के मुंबई बम धमाकों का है गुनहगार

Abu Salem: अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि गैंगस्टर अबू सलेम को 2030 तक रिहा नहीं किया जा सकता है।

Written By: Rituraj Tripathi
Updated on: July 11, 2022 12:03 IST
Abu Salem- India TV Hindi
Image Source : FILE Abu Salem

Highlights

  • अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका
  • 2030 तक रिहा नहीं किया जा सकता अबू सलेम
  • 25 साल की हिरासत अवधि पूरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्पष्टीकरण

Abu Salem: साल 1993 के मुंबई बम धमाकों के गुनहगार और गैंगेस्टर अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि गैंगस्टर अबू सलेम को 2030 तक रिहा नहीं किया जा सकता है, लेकिन उसकी 25 साल की हिरासत अवधि पूरी करने के बाद, केंद्र सरकार भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि के बारे में राष्ट्रपति को सलाह दे सकती है। बता दें कि अबू सलेम (Abu Salem) ने उसे सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी थी। सलेम की याचिका में कहा गया है कि साल 2002 में प्रत्यर्पण के समय भारत की ओर से पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन के मुताबिक, उसे दी गई सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती। इसलिए, उसे 2027 में रिहा किया जाए

2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था अबू सलेम 

गौरतलब है कि साल 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी सलेम (Abu Salem) को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था। जून 2017 में सलेम को दोषी ठहराया गया और बाद में मुंबई में 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

बता दें कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में लगभग दो घंटे में एक के बाद एक 12 विस्फोट किए गए थे। इस हमले में 257 लोगों की मौत हुई थी और 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

पुर्तगाल में गिरफ्तार हुआ था सलेम

सलेम को रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था। 25 फरवरी, 2015 को एक विशेष टाडा अदालत ने सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की उसके ड्राइवर मेहंदी हसन के साथ हत्या के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

कौन है अबू सलेम

यूपी के आजमगढ़ से अंडरवर्ल्ड तक का सफर करने वाले अबू सलेम (Abu Salem) के नाम के साथ कई बार 'अंडरवर्ल्ड डॉन' का तमगा लगा। लेकिन सलेम पर करीब से नजर रखने वाले लोग मानते थे कि वह डॉन नहीं था। सलेम 1993 के बम धमाके से पहले दाउद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम के ड्राइवर और डिलीवरी मैन के तौर पर काम करता था। वरिष्ठ पत्रकार हुसैन जैदी ने सलेम पर लिखी किताब में दावा किया है कि जेल में सलेम को डॉन जैसा रुतबा नहीं मिला था, शायद यही वजह थी कि उस पर जेल में कई बार हमले हुए। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सरायमीर से अबू सलेम (Abu Salem)का परिवार ताल्लुक रखता है। उसके पिता अब्दुल कय्यूम अंसारी वकील थे। अंसारी की मौत के बाद उनके परिवार में काफी गरीबी थी, ऐसे में सलेम की मां ही छोटा-मोटा काम करके अपने परिवार का गुजारा करती थीं। 

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