Highlights
- अबु बकर को UAE से हिरासत में लिया गया है
- अबु बकर को जांच एजेंसियां भारत लेकर आई हैं
- 29 साल से जांच एजेंसियों के रडार पर चल रहा था
भारतीय जांच एजेंसियों ने 12 मार्च 1993 मुंबई सीरियल बम धमाकों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अब्दुल गफ्फार शेख उर्फ अबु बकर उर्फ अबु बक्र को यूनाइटेड अरब अमीरात से हिरासत में ले लिया है।
अबु बकर की गिरफ्तारी लंबे अरसे बाद हुई है और वो लगातार 29 साल से भारतीय जांच एजेंसियों की राडार से फरार चल रहा था। 1997 में दाऊद इब्राहिम कासकर की डी कंपनी के इस कोर टीम के सिपहसालार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था।
12 मार्च 1993 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से लेकर ऑयर इंडिया बिल्डिंग,वर्ली सेंच्युरी मिल के पास, पासपोर्ट ऑफिस के पास, काथा बाजार के पास, सी रोक होटल के पास, एयरपोर्ट के पास कुल मिलाकर 12 जगह सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे जिसमें 257 लोगो की मौत हुई थी और 715 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।
इस धमाके में डी कंपनी के साथ पकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का बड़ा रोल था। डी कंपनी ने बम धमाके बाबरी मस्जिद गिराने के बाद उठे दंगो का बदला लेने के लिए करवाए थे। यूएई में पकड़े गए अबु बकर का रोल इस केस में एक और फरार आरोपी मोहम्मद डोसा के साथ मिलकर आरडीएक्स की पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते मुंबई से सटे समुंद्री इलाकों में लेंडिंग करवाना और बम धमाके की साजिश में हिस्सा लेना था।
इसके अलावा, पाक अधिकृत कश्मीर में ही हिंदुस्तानी लड़कों को बम बनाने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिलवाने में भी अबु बकर ने अहम रोल प्ले किया था। अबु बकर ने 2 शादी की, दूसरी शादी उसकी ईरानी नागरिक महिला से हुई थी। अबु बकर नाम और भेष बदलकर यूएई में सालों से रह रहा था और पाकिस्तान भी कई बार जा चुका है।
इसे पहले भी यूएई में एक बार पकड़ा गया था लेकिन तकनीकी कारणों के कारण ये पहली बार छूटने में कामयाब हो गया था। इस बार इंडियन इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इसे भारत डिपोर्ट कर लाने में कामयाब हो गई है।