नई दिल्ली: अंग्रेजी भाषा के मुश्किल और अप्रचलित शब्दों के जरिये अक्सर सोशल मीडिया मंचों पर बहस छेड़ने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने शुक्रवार को अपने हितों को तवज्जों देने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए ‘स्नोलीगॉस्टर’ शब्द का इस्तेमाल किया जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स के बीच फिर चर्चा शुरू हो गई। थरूर ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कई नेताओं के पाला बदलने की पृष्ठभूमि में ऐसे नेताओं पर कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर इस शब्द का उपयोग किया।
जानिए ‘स्नोलीगॉस्टर’ शब्द का मतलब
बता दें कि अंग्रेजी भाषा के शब्दकोषों के अनुसार, ‘स्नोलीगॉस्टर’ (Snollygoster) शब्द ऐसे नेता के लिए इस्तेमाल होता है जो लोगों की सेवा करने की बजाय अपने निजी फायदों की चिंता ज्यादा करता है। वैसे, थरूर इस शब्द का उपयोग सोशल मीडिया पर अतीत में दो बार कर चुके हैं। 2017 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो उस समय भी उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया था।
इसके बाद 2019 में जब चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम के तहत भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई तो थरूर ने ‘स्नोलीगॉस्टर’ शब्द का प्रयोग किया था।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट थरूर का नाम नहीं
वहीं, आपको बता दें कि कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। लेकिन इसमें शशि थरूर का नाम नहीं है। ऐसे में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि पार्टी में थरूर को किनारे लगाया जा रहा है। थरूर ने गुजरात में प्रचार अभियान के एक कार्यक्रम में शामिल होने के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के न्योते को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि उनका नाम पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नाम शामिल नहीं होने से निराश हैं तो थरूर ने कहा, ‘‘कांग्रेस जानती है कि उसके लिए कौन और क्या सबसे अच्छा है। ऐसे में निराश होने की बात कोई मतलब नहीं है।’’