कानून मंत्री किरन रिजिजू से रजतजी ने पूछा कि 'तारीख पे तारीख होती है, केस लंबे समय तक पेंडिंग रहते हैं?' इस पर किरन रिजिजू ने कहा कि भारत के जजों को एक दिन में 100 केस तक भी सॉल्व करना पड़ते हैं। बड़ी मुश्किल से केस के लिए डेट मिलती है। केस पेंडिंग लगातार न होते रहें, इसके लिए कई केस आपस में मिलकर भी सुलझाए जा सकते हैं, कम्प्रोमाइज किया जा सकता है। गांव स्तर के कई मामले छोटे स्तर पर भी सुलझाए जा सकते हैं। मेरा ये मानना है कि जिस तरह पीएम मोदी एक्टिव हैं। न्यायालय के तालमेल से हम केसेस कम करने करेंगे। लेकिन होता यही है कि जितने केस सॉल्व होते हैं उससे दोगुनी तेजी से नए केस आते हैं।'
क्यों आगे बढ़ जाती है डेट, किरन रिजिजू ने बताया ये कारण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हियरिंग जल्दी हो, लेकिन कई कारणों की वजह से वकील खुद ही आगे की डेट ले लेते हैं। जैसे की चार्जशीट में देरी, गवाह का न आ पाना। ऐसे कारणों से डेट आगे बढ़ जाती है।
जजों की लंबी छुट्टियों पर किरन रिजिजू ने कही ये बात
रजतजी ने पूछा कि 'सुप्रीम और हाईकोर्ट में छुट्टियां बहुत होती हैं।' इस पर जवाब में केंद्रीय मंत्री बोले कि 'इस बारे में मैंने कोई बात नहीं कही थी। राज्यसभा में एक सदस्य ने यह प्रश्न पूछा था। मैं कहना चाहता हूं कि भारत का एक जज जितनी मेहनत करता है, दुनिया का कोई जज नहीं करता है। अमेरिका में जज एक दिन में सिर्फ 1 केस देखता है। हमारे देश का जज 100 केस तक भी देखता है। जजों का रिलेक्स करना जरूरी है। उनके काम की एक लिमिटेशन होती है। जजों की छुट्टियां कितनी लंबी हो यह नहीं कहता, लेकिन काम के प्रेशर के बीच छुट्टियां जरूरी है।
'किरन रिजिजू को नहीं है कानून का लीगल एक्सपीरिएंस!', जानिए जवाब में क्या बोले कानून मंत्री?